
जितेन्द्र योगी/झुंझुनूं। गर्मी में एसी, सर्दी में हीटर, नहाने को फव्वारे, भजन सुनने को म्यूजिक सिस्टम और पीने को फिल्टर पानी...। जी हां...! हम किसी फाइव स्टार होटल की नहीं बल्कि झुंझुनूं की गोपाल गोशाला की बात कर रहे हैं। यहां आधुनिक गोशाला में गायें कान्हा के भजन सुनते हुए दूध देती हैं। यहां बछड़ों का भी नामकरण होता है और सभी उनको नाम से ही बुलाते हैं। गाय-बछड़ों को नहलाने के लिए बड़ी गैलरी में दोनों तरफ फव्वारे लगे हैं। जब गायें गैलरी में निकलती हैं तो फव्वारे उन्हें पूरी तरह नहला देते हैं। यहां की गाय वाटिका का दृश्य अलग ही है। वाटिका में सभी प्रकार की नस्ल की गायों की प्रतिमाएं बना रखी हैं।
वाटर फिल्टर की व्यवस्था
गोशाला में गायों को साधारण पानी की बजाए फिल्टर पानी पिलाया जाता है ताकि किसी तरह का संक्रमण न होने पाए। वाटर फिल्टर प्लांट गोशाला की खेळ में जाता है, जहां गायें पानी पीती हैं। गोशाला से निकलने वाले खराब पानी को खेतानों की वावड़ी में ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए छोड़ दिया जाता है।
गर्मी में एसी तो जाड़े में हीटर
गायों को गर्मी बचाने के लिए गोशाला में एसी, कूलिंग सिस्टम तो जाड़े में हीटर की व्यवस्था है। ज्यादा गर्मी होने पर एसी चलाया जाता है। दिसंबर और जनवरी में ज्यादा सर्दी पडऩे पर हीटर काम में लिए जाएंगे।
नंबर गेम -
- 123 साल से श्री गोपाल गोशाला का संचालन
- 1400 गाय व 500 नंदी हैं गोशाला में
- 850 लीटर दूध उत्पादन रोज, 100 कर्मी सेवारत
- 400 परिवार रोज गोशाला से दूध खरीदते हैं
इलाज के लिए अस्पताल भी
गायों के लिए गोशाला में सभी सुविधाओं के साथ इलाज के लिए अस्पताल भी है। गायों की बेहतर देखभाल के लिए गोशाला मे और भी कई प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं।
-प्रमोद खंडेलिया, अध्यक्ष श्री गोपाल गोशाला, झुंझुनूं
गोशाला में 1900 गोवंश
गोशाला में वर्तमान में गाय व नंदी मिलाकर 1900 के करीब हैं। वर्तमान में रोजाना साढ़े आठ सौ लीटर दूध का उत्पादन कर चार सौ से अधिक परिवारों को सप्लाई किया जा रहा है।
-नेमीचंद अग्रवाल, सचिव श्री गोपाल गोशाला, झुंझुनूं
Updated on:
20 Nov 2022 02:33 pm
Published on:
20 Nov 2022 02:31 pm
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