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किसान को रास आई आस्ट्रेलियाई टमाटकर की खेती

मिल रहा अच्छा मुनाफा

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किसान को रास आई आस्ट्रेलियाई टमाटकर की खेती

महावीर टेलर।
नवलगढ़. जिले के किसान सब्जी की विदेशी किस्मों में भी रुचि ले रहे हैं। गांव चेलासी के किसान ने प्रयोग के तौर पर पहली बार अपने खेत में आस्ट्रेलिया के टमाटर की बुवाई की है। यह प्रयोग उसके लिए मुनाफे का सौदा साबित हुआ। किसान मुरलीधर सैनी बताते हैं कि उसने एक किसान को आस्ट्रेलियाई किस्म के टमाटर की खेती करते हुए देखा था। कुछ माह पहले जब उनके एक मित्र का बेटा आस्ट्रेलिया गया तो उसने भी वहां के टमाटर के बीज मंगवा लिए। उन्होंने प्रयोग के तौर उन बीजों की एक बीघा में बुवाई की। मेहनत सफल रही और पहली बार में ही इन बीजों से गुणवत्तापूर्ण और अच्छी पैदावार मिली। उन्होंने बताया कि उनके खेत में हर एक पौधे में फल आए हैं। पौधों की बढ़वार के लिए फसल में किसी तरह की दवा नहीं दी गई। सैनी ने बताया कि टमाटर के अलावा उसने अपने खेत में विभिन्न किस्मों की मिर्च के पौधे भी लगा रखे हैं। इनसे भी अच्छी उपज मिल रही है। वे करेला, शिमला मिर्च, देसी बेंगन, देशी टिंडा की पैदावार भी ले रहे हैं। इन सभी सब्जियों में वे जैविक खाद व उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं। जिसके चलते इनकी मांग अच्छी रहती है।


वजन अधिक, भंडारण की अवधि भी ज्यादा
सैनी बताते हैं कि स्थानीय स्तर पर आस्ट्रेलियाई टमाटरों की मांग अधिक नहीं है। लेकिन दिल्ली व जयपुर की मंडियों में ये टमाटर बड़ी मात्रा में बिक जाते हैं। ये टमाटर देसी टमाटर से मिलते जुलते होते हैं। लेकिन इनका वजन देसी टमाटर से अधिक होता है। मोटा छिलका होने की वजह से ये जल्दी खराब भी नहीं होते हैं। इसलिए इनके भंडारण की अवधि और क्षमा भी बढ़ जाती है।