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नीमकाथाना के साथ उदयपुरवाटी उपखंड के पहाड़ी क्षेत्र के गांवों के लोगों ने भी नीमकाथाना जिला बने इसके लिए संघर्ष किया था। अब जिला निरस्त होने पर जिले को यथावत रखने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। नीमकाथाना हेड क्वार्टर पर हुई विरोध सभा में उदयपुरवाटी उपखंड के पहाड़ी क्षेत्र के गांवों के लोग शामिल हुए।
कहीं टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। उदयपुरवाटी सरपंच संघ अध्यक्ष बाघोली सरपंच एडवोकेट जतन किशोर सैनी, कांग्रेस नेता रवि कुड़ी पचलंगी, मदनलाल भावरिया, पूर्व पंचायत समिति सदस्य श्रीराम सहित अन्य लोग विरोध सभा में पहुंचे।
नीमकाथाना जिला निरस्त होने पर विरोध प्रदर्शन जारी रहा। इलाके के मणकसास गांव में रोशन लाल वर्मा, जाफर अली, शीशराम, राजेश, बंटी सहित अन्य लोगों ने मुख्य बस स्टैंड पर मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया।
भाजपा नेता बजरंग लाल मीणा पचलंगी, केशव सेन सहित अन्य ने बताया कि उदयपुरवाटी उपखंड के पहाड़ी क्षेत्र के गांवों से पहले जिला हेड क्वार्टर झुंझुनूं की दूरी 70 से 80 किलोमीटर थी। इसलिए यहां कई गावों में आज तक सरकारी बस की सुविधा नहीं है। वहीं चिकित्सा, शिक्षा, पेयजल, टूटी सड़क सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं से भी यह गांव व ढाणियां आज तक वंचित है।
नीमकाथाना जिला बनने पर लोगों के आस बांधी थी जिला हेड क्वार्टर के नजदीक आने व उच्च अधिकारियों को बार-बार समस्या से अवगत करवाने पर समस्याओं में सुधार होगा व लोगों को मूलभूत सुविधा मिलेगी, लेकिन सुविधा की बजाय नए जिले में जोड़ने पर व वापस हटाने पर असुविधा खड़ी कर दी।
नीमकाथाना में उदयपुरवाटी उपखंड को शामिल करने पर मूलभूत सुविधाओं से पिछड़े गांवों को विकास की राह मिलने की उमीद थी, लेकिन इस राह में कैबिनेट का आया फैसला रोड़ा बन गया।
पूर्ववर्ती सरकार ने नीमकाथाना जिले की मांग को पूरा किया था। अब बीजेपी सरकार ने नीमकाथाना जिले को निरस्त किया है, जिसका राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है।
कैबिनेट के आए फैसले के बाद लोगों के घरों में भारी आक्रोश है। नीमकाथाना जिला बनने का दादा के देखे गए सपने में पोता ने प्रवेश किया था, लेकिन जिले के निरस्त होने पर यह लोगों के साथ बड़ा अन्याय हुआ है।
नीमकाथाना जिला बनने व उदयपुरवाटी उपखंड को नीमकाथाना जिले में शामिल करने पर जिला हेड क्वार्टर की दूरी तो कम हुई थी। वहीं आजादी के बाद से पिछड़े गांवों में विकास की गति मिलने की आस भी जगी थी। सरकार के इस फैसले ने सब कुछ धूमिल कर दिया।
Updated on:
30 Dec 2024 12:58 pm
Published on:
30 Dec 2024 12:55 pm
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