
खेतड़ी में शुरू होगी पैंथर सफारी
#panther safari in khetri
झुंझुनूं. राजस्थान के खेतड़ी के जंगलों में अब पैंथर सफारी शुरू होगी। इससे पर्यटक बढ़ेंगे साथ ही क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा ने कहा कि खेतड़ी के बंशीयाल में जल्द ही पैंथर सफारी शुरू की जाएगी। झुंझुनूं के बीड़ संरक्षित क्षेत्र को चूरू के तालछापर कृष्ण मृग अभयारण्य की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। जयपुर के कुलिश स्मृति वन के जैसे टुरिस्ट स्पॉट भी जिले में बनाए जाएंगे।
सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि
ताल छापर से चिंकारा व काले हिरण लाकर बीड़ क्षेत्र में छोड़े जाएंगे। बीड़ कंजर्वेशन और खेतड़ी में पैंथर सफारी शुरू होने से टूरिज्म सर्किट बनेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने घर-घर औषधी योजना को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महत्वकांक्षी योजना बताते हुए कहा कि इससे लोगों की इम्यूनिटी बढ़ेगी और घर-घर फोरेस्ट फूड के रूप में भी आगे इस योजना का विस्तार हो सकता है। फोग, कैर जैसे अनेक वन उत्पाद हैं जो लोग दैनिक जीवन में काम में लेते रहे हैं, इसे बढ़ावा दिया जा रहा है।
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जल्द होगी वनरक्षक और वनपाल की भर्ती
उन्होंने कहा कि वन विभाग में वनरक्षक व वनपाल की भर्ती जल्द होने वाली है। इससे स्टाफ की कमी दूर होगी और विभाग की कार्यदक्षता बढ़ेगी और वनों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। वहीं, बीड़ क्षेत्र में गंदे पानी से पेड़ों के सूखने के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि विभाग की ओर से वाटरलॉकिंग करने वाले पेड़ों की प्रजातियां बीड़ क्षेत्र में लगाई जा रही है। इसी दिन उन्होंने जिले के विभिन्न वन क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने पानी की सुविधा, वनस्पति, नर्सरी और पौधरोपण कार्य की जानकारी हासिल की। इससे पहले उन्होंने मंडावा में हवेलियों में उगे पीपल के पेड़ों को संरक्षित कर दूसरी जगह लगाने के वन विभाग के कार्य की सराहना की। कहा कि पीपल का पेड़ अद्भुत औषधियों गुणों वाला है और मन को शांति प्रदान करने वाला है। यही वजह है कि भारतीय परंपरा में इसे काटना वर्जित माना गया है। इस दौरान जयपुर संभाग के मुख्य वन संरक्षक केसी मीणा, उपवन संरक्षक आरके हुड्डा, सहायक वन संरक्षक गुलजारी लाल और क्षेत्रीय वन अधिकारी रणजीत खींचड़ भी साथ रहे।
#banshiyal reserve
फैक्ट फाइल पैंथर सफारी क्षेत्र
कुल वन क्षेत्र 200 वर्ग किलोमीटर
रिजर्व-7018 हैक्टेयर
राज्य सरकार से मंजूरी 10 मार्च 2017
दीवार निर्माण-4 किलोमीटर
वन रक्षक चौकी 2
नलकूप 3
रेस्टप्वाइंट 5
वाटर हॉल्स 10
एनिकट 18
यह वन्य जीव ज्यादा
पैंथर, नील गाय, जरख, खरगोश, मोर, काला तीतर, नेवला सहित सैकडों प्रकार के वन्यजीव मौजूद हैं।
यह वनस्पति
रिजर्व क्षेत्र में धौंक, रौंझ, बेर, सालर, कुमठा, देसी बबूल एवं खेजड़ी के वृक्ष काफी संख्या में है।
Published on:
05 Jul 2021 10:51 pm
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