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जानें क्या है पीएम प्रणाम योजना, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री करेंगे सीकर से

मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी इसी दिन पीएम प्रणाम योजना की शुरुआत करेंगे। सभा को सफल बनाने व बड़ी संख्या में पहुंचने के लिए जिम्मेदारियां सौंपी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श कर विधानसभा वार लक्ष्य दिया।

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जानें क्या है पीएम प्रणाम योजना, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री करेंगे सीकर से

जानें क्या है पीएम प्रणाम योजना, जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री करेंगे सीकर से

PM Pranam Yojna
झुंझुनूं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 जुलाई को राजस्थान के सीकर शहर में आएंगे। वे सांवली मार्ग पर मेडिकल कॉलेज के सामने मैदान में सभा को सम्बोधित करेंगे। इसी दिन वे देशभर के किसानों के बैंक खाते में सम्मान निधि की राशि डालेंगे। सभा की तैयारी को लेकर अंबेडकर भवन में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी इसी दिन पीएम प्रणाम योजना की शुरुआत करेंगे। सभा को सफल बनाने व बड़ी संख्या में पहुंचने के लिए जिम्मेदारियां सौंपी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श कर विधानसभा वार लक्ष्य दिया। कार्यकर्ताओं को प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, सांसद नरेन्द्र कुमार, विधायक सुभाष पूनिया व जिला ध्यक्ष पवन मावंडिया ने संबोधित किया। मंच संचालन जिला उपाध्यक्ष प्यारेलाल ढूकिया ने किया।

क्या है पीएम प्रणाम योजना

-मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री-प्रणाम योजना को मंजूरी दी थी। इसका पूरा नाम प्रमोशन ऑफ ऑल्टरनेटिव न्यूट्रियन्ट्स फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट स्कीम (PRANAM) है।
-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इसकी घोषणा की थी।
-जैव उर्वरकों और जैविक उर्वरकों के संयोजन के साथ उर्वरकों के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करना।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादन को बढ़ाना तथा मिट्टी और मानव की सेहत का भी ध्यान रखना है।
-यह एक नियमित चलने वाला प्रोग्राम है जिसका मकसद धरती की उपजाऊ क्षमता को बेहतर करना और मिट्टी में पोषण को फिर से स्थापित करना है।
- इस योजना के तहत प्राकृतिक, जैविक खेती, वैकल्पिक फर्टिलाइजर, नैनो फर्टिलाइजर और जैव फर्टिलाइजर को खेती में प्रमोट किया जाएगा।
- इसके अलावा उर्वरकों पर जो अनुदान दिया जा रहा है, उसका उपयोग गांव के अन्य कार्यों में किया जाएगा।
-उर्वरकों पर दिए जा रहे अनुदान के बढ़ते बजट को दूसरे कार्य में खर्च किया जाएगा।