खेतड़ी. शहीद राजेन्द्र सिंह की शुक्रवार को दूसरे दिन भी पार्थिव देह गांव नहीं पहुंचने से सम्पूर्ण दिन गांव में सन्नाटा छाया रहा। यद्यपि शुक्रवार को परिजनों को शहादत की सूचना लग गई तथा रिश्तेदार भी घर आने लगे तथा पूरे दिन शहीद की पार्थिव देह आने का इंतजार करते रहे। वहीं गांव में दूसरे दिन भी चूल्हे नहीं जले।
पहले यह सूचना दी गई कि शहीद की पार्थिव देह श्रीनगर से विमान द्वारा दिल्ली लाई जाएगी। इसके बाद बीकानेर व फिर खेतड़ी पहुंचेगी। इसके बाद शुक्रवार दोपहर फिर प्लान बदला व बबाई में हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड बनानेकी बात आई। इसके बाद फिर प्लान बदला व पार्थिव देह झुंझुनूं ंपहुंची।
उपखण्ड अधिकारी खेतड़ी शिवपाल जाट ने बताया कि पार्थिव देह शनिवार को सड़क मार्ग से पैतृक गांव ढहरवाला पहुंचेगी तथा सुबह 11 बजे अन्तिम संस्कार किया जाएगा।
बीसीएमओ खेतड़ी डा.हरीश यादव ने बताया शहीद के घर पर चिकित्सा विभाग की टीम को लगाया है। इसमे एक चिकित्सक डा.सुरेश सैनी व एक एएनएम को लगाया है।
झुंझुनूं/खेतड़ी. कश्मीर के तंगधार क्षेत्र में हिमस्खलन में शहीद हुए हरडिय़ा ग्राम पंचायत की ढाणी ढहरवाला के जवान राजेंद्रसिंह जाट की पार्थिव देह शुक्रवार शाम झुंझुनूं लाई गई। हेलीकॉप्टर से सेना के जवान पार्थिव देह को लेकर शाम साढ़े तीन बजे हवाई पट्टी पहुंचे। यहां से शहीद की पार्थिव देह को एम्बुलेंस से बीडीके अस्पताल लाकर मोर्चरी में रखवाई गई। सेना में मेजर एसके नेहरा ने बताया कि बीडीके अस्पताल से शहीद की पार्थिव देह सुबह साढ़े सात बजे उनके गांव ले जाई जाकर अंत्येष्टि की जाएगी। खेतड़ी के हरिडय़ा गांव की ढाणी ढहरवाला का लाड़ला राजेंद्रसिंह जाट कश्मीर के तंगधार क्षेत्र में हिमस्खलन में शहीद हो गया। राजेंद्र का जन्म 25 जून 1983 को हुआ था। इसके बाद 31 दिसंबर 2001 में सेना में भर्ती हुए तथा जाट रेजीमेंट में कश्मीर के तंगधार में तैनात थे। इनका विवाह सरोज देवी से 2003 में हुआ। शहीद के 12 वर्षीय पुत्री अंशु व चार माह का पुत्र है।