
पिलानी. समाजसेवा के क्षेत्र में हर व्यक्ति अपनी-अपनी योग्यता के अनुसार कार्य करता हैं लेकिन कुछ विरले ही होते हैं, जो इस क्षेत्र में काम करने का अलग ही जज्बा रखते हैं। कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया यहां पिलानी में अपने बड़े भाई से मिलने पहुंचे मुकुल वर्मा ने।
इसी दौरान पिलानी की बाल निकेतन स्कूल में कोई कार्यक्रम रखा गया तो मुकुल उसमें भाग लेने पहुंच गए। तब उन्हें पता लाग कि वहां पर पढऩे वाले कई बच्चों की स्कूल की ही फीस जमा नहीं हो पाई है। यहां पढऩे वाले अधिकांश बच्चे गरीब परिवारों के है। ऐसे में उनके अभिभावक बच्चों की फीस जमा नहीं करा पा रहे हैं।
विद्यालय में प्राचार्य के पद पर कार्यरत शोभा वर्मा ने जब सारी वास्तविकता से मुकुल को अवगत कराया तो उन्होंने विद्यालय में पढऩे वाले बच्चों के लिए कुछ करने का मन बना लिया। उन्होंने शनिवार को विद्यालय में पढऩे वाले उन सभी बच्चों की सूची ली, जिनका शुल्क बकाया था। इसके बाद उन्होंने विद्यालय के 196 बच्चों के करीब 14 लाख रुपए का भुगतान कर समाज के लिए अनूठा उदाहरण पेश किया।
इस मौके पर मुकुल वर्मा ने कहा कि शिक्षा प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है। आर्थिक विषमताओं के चलते बच्चों को इस मूल अधिकार से वंचित नहीं होने देना चाहिए। मूल रूप से मध्यप्रदेश के रहने वाले मुकुल वर्मा एक स्टील कम्पनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।
वे वंचित बच्चों को स्कूलों से जोडऩे की दिशा में काम कर रहे हैं। बच्चों को शिक्षा से जोडऩे के अपने अभियान के तहत ही कस्बे में करीब दो सौ विद्यार्थियों को प्रत्येक वर्ष छात्रवृत्ति के रूप में फीस प्रदान कर रहे हैं। प्राचार्य शोभा ने बताया कि मुकुल वर्मा ने बताया कि इन बच्चों की फीस ही नहीं जमा कराई, बल्कि प्रति वर्ष इनके फीस के भुगतान की भी घोषणा उन्होंने की।
Published on:
30 Oct 2017 12:29 pm
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