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जाटलैंड से किसानों के हक में हुड्डा की हुंकार

हुड्डा जींद से दूसरी बार शुरू करेंगे भाजपा विरोधी अभियान, कंडेला से शुरू की जनसंपर्क यात्रा को बीच में ही रोका था

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Yuvraj Singh Jadon

Oct 31, 2015

bhupendra singh hooda

bhupendra singh hooda

चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा एक बार फिर से किसानों को आगे रखकर अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने की कवायद में है। राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद हुड्डा अब दूसरी बार सरकार की घेराबंदी करने की तैयारी में हैं। हालांकि जनसमर्थन व पार्टी के बीच हो रहे विरोध के चलते हुड्डा का सरकार विरोधी एक अभियान अधर में लटक चुका है।

हरियाणा सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर हुड्डा ने सरकार की घेराबंदी किए जाने की घोषणा की थी। जिसके चलते उन्होंने आज आगामी चार नवंबर को जींद की अनाज मंडी में किसानों की फसलों के भाव तथा अन्य समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ धरना दिए जाने की घोषणा की है।

हुड्डा ने मई माह के दौरान सरकार के खिलाफ जींद जिले के गांव कंडेला से ही सरकार के खिलाफ रैली करते हुए जनसंपर्क अभियान शुरू किया था। उस समय इस अभियान के समानांतर कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने भी अपनी रथ यात्रा शुरू कर दी। जिसके चलते हुड्डा को अपना सरकार विरोधी अभियान बीच में ही छोडऩा पड़ा था। हुड्डा ने पहला अभियान सरकार के छह पूरे होने पर शुरू किया था।

अब भाजपा सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर यह अभियान शुरू किया जा रहा है। इस बार भी हुड्डा किसानों को आगे रखकर ही अपनी सरकार विरोधी राजनीति को आगे बढ़ाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि हुड्डा ने इस बार संघर्ष के लिए जाटलैंड के नाम से मशहूर जींद को ही चुना है।इसी दौरान पूर्व मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार प्रो0 वीरेन्द्र ने बताया कि जींद में आयोजित किए जाने वाले धरने में कांग्रेस के सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अतिरिक्त हजारों की संख्या में प्रदेश भर के किसान प्रतिनिधि शामिल होंगे।

प्रो0 वीरेन्द्र ने कहा कि इस धरने के माध्यम से धान की फसल के पूरे दाम मिलें, सफेद मक्खी से ग्रस्त कपास के खराब बीज तथा नकली कीटनाशक दवाइयों की उच्च स्तरीय जाँच हो, मिलों की ओर बकाया गन्ने की राशि का तुरन्त भुगतान हो आदि ज्वलंत मुद्दों को उठाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हुड्डा ने गत 15 दिनों में हरियाणा की दर्जनों मंडियों का दौरा किया और धान की बिक्री में हो रही किसानों की दुर्गति का जायजा लिया।

हुड्डा के अभियान के राजनीति मायने
राज्य में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद हरियाणा की राजनीति जाट व गैर जाट में बंट गई है। विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा मौजूदा सरकार को गैरजाट सरकार के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। चौटाला के जेल में होने और खट्टर के सत्ता में आने के बाद हुड्डा खुद को जाट नेता के रूप में स्थापित करने की कवायद में लगे हुए हैं। हुड्डा द्वारा समय-समय पर शुरू किए जा रहे सरकार विरोधी कार्यक्रमों को इसी के साथ जोड़ा जा रहा है।

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