
ICMR NIN Project Assistant recruitment 2018,नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ( ICMR NIN ), हैदराबाद ने प्रोजेक्ट टेक्नीशियन II एवं प्रोजेक्ट टेक्नीशियन I के 2 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक व योग्य उम्मीदवार 7 अप्रैल 2018 को आयोजित किये जाने वाले वॉक-इन-इंटरव्यू में शामिल हो सकते हैं। आवेदन आैर अन्य जानकारी के लिए नीचे दिए गए अधिसूचना विवरण लिंक पर क्लिक करें।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ( ICMR NIN ) में रिक्त पदों का विवरण:
कुल पद- 2
प्रोजेक्ट टेक्नीशियन II- 1 पद
प्रोजेक्ट टेक्नीशियन I- 1 पद
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ( ICMR NIN ) में रिक्त पदों पर आवेदन करने के लिए शैक्षणिक योग्यता:
प्रोजेक्ट टेक्नीशियन II- 12वीं पास होने के साथ संबंधित क्षेत्र में 5 वर्षों का अनुभव।
प्रोजेक्ट टेक्नीशियन I - 12वीं पास होने के साथ संबंधित क्षेत्र में 1 वर्ष का अनुभव।
इस सम्बन्ध में अन्य जानकारी के लिए नीचे दिए विस्तृत अधिसूचना लिंक पर क्लिक करें।
आयु सीमा:
प्रोजेक्ट टेक्नीशियन II- 28 वर्ष
प्रोजेक्ट टेक्नीशियन I- 25 वर्ष
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ न्यूट्रीशन ( ICMR NIN ) में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया:
उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू/रिटेन टेस्ट के आधार पर किया जायेगा।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ( ICMR NIN ) में रिक्त पदों के लिए आवेदन कैसे करें:
योग्य उम्मीदवार 7 अप्रैल 2018 को आयोजित किये जाने वाले वॉक-इन-इंटरव्यू में शामिल हो सकते हैं.
महत्वपूर्ण तिथि:
आवेदन जमा करने की तिथि एवं समय- 7 अप्रैल 2018, 9:30 बजे से 10:30 बजे तक
वॉक-इन-इंटरव्यू/रिटेन टेस्ट- 7 अप्रैल 2018, 10:30 बजे से
ICMR NIN Project Assistant recruitment notification 2018:
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ( ICMR NIN ), हैदराबाद ने प्रोजेक्ट टेक्नीशियन II एवं प्रोजेक्ट टेक्नीशियन I के 4 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ( ICMR NIN ), हैदराबाद का परिचयः
- राष्ट्रीय पोषण संस्थान की शुरुआत सर राबर्ट मैकरसन ने की थी। इसकी शुरुआत 1918 में कुन्नूरर, तमिलनाडु में एक कमरे में ‘बेरी बेरी’ जांच प्रयोगशाला के रूप में हुई जो बाद में पोषण अनुसंधान प्रयोगशाला बन गई. इसके पहले निदेशक सर मैकरसन ही थे।
- साल 1958 में इसे हैदराबाद स्थानांतरित कर दिया गया जबकि इसका मौजूदा नाम राष्ट्रीय पोषण संस्थान है जो 1969 में अपनाया गया. इस संंस्थान का उद्देश्य देश की आबादी के विभिन्न वर्गों में आहार और पोषण की समस्याओं का पता लगाना, उन्हें दूर करने के प्रभावी तरीके निकालना, देश के पोषण कार्यक्रमों को लागू किए जाने पर नज़र रखना है।
Published on:
03 Apr 2018 07:34 pm
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