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Startups In Jaipur: जयपुर में स्टार्टअप की ‘बाढ़’, AI तकनीक की मदद से बढ़ रहे रोजगार के अवसर

Startups In Jaipur: राजस्थान और जयपुर में स्टार्टअप की संख्या बढ़ रही है। छोटे शहरों में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं, इससे रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। पढ़ें पत्रिका अखबार में प्रकाशित इस रिपोर्ट को-

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Startups In Jaipur

Startups In Jaipur: आमतौर पर जब स्टार्टअप की बात आती है तो सबसे पहले बड़े शहरों का नाम आता है जैसे कि मुंबई, बेंगलूरु, हैदराबाद या फिर दिल्ली। लेकिन अब स्टार्टअप का इकोसिस्टम टियर-2 और टियर-3 शहरों तक पहुंच चुका है। इन शहरों में से एक है राजधानी जयपुर। जयपुर नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में ‘हॉटस्पॉट’ बन गया है। यही कारण है कि यहां की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। पिछले पांच वर्षों में मान्यता प्राप्त स्टार्टअप और उनसे पैदा रोजगारों की संख्या में औसतन तीन गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।

पिछले कुछ सालों में बढ़ा स्टार्टअप (Startups In Jaipur)

स्टार्टअप इंडिया (Startup India) के अनुसार, अब तक राजस्थान में 4 हजार 917 स्टार्टअप रजिस्टर हो चुके हैं, जिनसे 34 हजार को रोजगार प्राप्त हुआ। वर्तमान में AI और मशीन लर्निंग (एमएल) में सबसे अधिक स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं। इनमें 66 स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं। इसके अलावा टेक्नोलॉजी, फिनटेक, हेल्थटेक, ई-कॉमर्स, डिजिटल मीडिया, कंज्यूमर टेक्नोलॉजी, स्पेस, रिटेल और फूड टेक, सस्टेनेबिलिटी और क्लाइमेट टेक में स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं।

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सरकार दे रही स्टार्टअप के लिए फंड (New Startups In Jaipur)

40 वर्षीय ऋषभ नाग ने दो वर्ष पहले जयपुर में सीएफओ की नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप शुरू किया। इनकी कंपनी AI बेस्ड प्रोडेक्ट बनाती है। एंटरप्राइजेज, एजुकेशन, हेल्थ, नॉलेज वीआइसी, पर्यावरण, डेटा ऑन डिमांड के क्षेत्र में AI ऐप डवलप किए हैं, जिससे समस्याओं के समाधान और तुरंत उनकी जानकारी व परिणाम प्राप्त हो सके। इन्होंने एजुकेशन में एक ऐप डवलप किया है। जिसे दो वर्ष में 2 लाख लोगों ने ट्रायल लिया है। नीट और जेईई की परीक्षा में इसने बेहतर परिणाम दिए हैं। उन्होंने एक ऐप लॉन्च किया है, जो स्टूडेंट की पर्सनलाईज्ड स्टडी प्लान, तत्काल संदेह समाधान और जटिल अवधारणाओं को आसानी से समझने में मदद करता है। स्टार्टअप के लिए फंड सरकार के आई-स्टार्टअप से प्राप्त किया।

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कई यूनिक प्रोडक्ट्स हो रहे हैं लॉन्च 

28 वर्षीय मृदुल अग्रवाल ने 2022 में वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर स्टार्टअप शुरू किया। वेस्ट मैनेजमेंट को बेहतर करने के लिए उन्होंने एक ऐप बनाया है, जिसमें घर से ऑनलाइन कचरा बेच सकते हैं और रिसाइकिल होने के बाद इसी ऐप से होम डेकोर प्रोडक्ट्स भी खरीद सकते हैं। ऐप में लॉगिन करने के बाद कबाड़ी के पास नोटिफिकेशन चला जाएगा, जिसमें 10 मिनट के अंदर कबाड़ी घर पर आ जाएगा। इससे कबाड़ी को भी मुनाफा होगा। ये मेटल, प्लास्टिक, ई-वेस्ट, कागज और कार्डबोर्ड के कचरे को रिसाइकिल करते हैं। जिसे ‘प्लास्टिक सेग्रिगेशन’ कहा जाता है। वे हर महीने 70 से 80 टन कचरा एकत्र करते हैं। आई- स्टार्टअप राजस्थान से 8 लाख रुपए की फंडिंग भी मिली है।

पिछले 5 वर्ष में जयपुर में स्टार्टअप की संख्या (Startups In Jaipur)

आई-स्टार्टअप से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 5 सालों में राजस्थान और जयपुर में स्टार्ट अप की संख्या में बढ़ोतरी आई है। वर्ष 2019-20 में राजस्थान में स्टार्टअप की संख्या 288 थी और जयपुर में 174। वहीं वर्ष 2023-24 में राजस्थान में स्टार्ट अप की संख्या 592 हो गई और जयपुर में 471।

छोटे शहर में बढ़े रोजगार के अवसर (Jobs In Jaipur)

“छोटे शहरों में स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे वहां के लोगों के लिए रोजगार (Jobs In Jaipur) भी जनरेट हो रहे हैं, इससे पलायन कम होगा। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए अन्य जिलों में भी आइ-स्टार्ट इन्क्यूबेशन सेंटर बना रहे हैं। आइ-स्टार्ट राजस्थान से वर्किंग स्पेस, मेंटरिंग, फंड, ग्रांट मिल रहे हैं। स्टार्टअप को एग्जीबिशन के माध्यम से एक्सपोजर मिल रहा है।” - बिष्णु गुप्ता प्रोग्रामर, भामाशाह टेक्नो हब