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मिसाल – लगन के बल पर दुनियाभर में लहराया परचम, गूगल ने दिया 1 करोड़ 20 लाख का आॅफर

कहा जाता है कि अगर अपने लक्ष्य के प्रति र्इमानदार होकर आगे बढ़ा जाए तो दुनिया की बड़ी से बड़ी चुनौती आपको हताश नहीं कर सकती

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Yuvraj Singh Jadon

Jun 19, 2018

success story: Adarsh Kumar

मिसाल - लगन के बल पर दुनियाभर में लहराया परचम, गूगल ने दिया 1 करोड़ 20 लाख का आॅफर

कहा जाता है कि अगर अपने लक्ष्य के प्रति र्इमानदार होकर आगे बढ़ा जाए तो दुनिया की बड़ी से बड़ी चुनौती आपको हताश नहीं कर सकती है। आपकी मेहनत एक दिन रंग लाकर ही रहेगी। आैर वो वक्त एेसा होगा कि जब आपके अपने ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया आपकी वाह वाही करेगी। आज हम आपको बताने जा रहे है एक एेसे शख्स के बारे में जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर अपना दुनियाभर में रोशन कर दिया। उनकी प्रतिभा को देखते हुए गूगल ने उन्हें 1 करोड 20 लाख रूपए सालाना का पैकेल आॅफर किया है। जी हां हम बात कर रहे हैं आदर्श कुमार की।

बचपन से ही अव्वल

मूलरूप से पटना, बिहार के निवासी आदर्श ने आर्इआर्इटी रूडकी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। लेकिन अब वे अपना कैरियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर शुरू करने जा रहे है। स्कूली शिक्षा में अव्वल रहने वाले आदर्श ने 12वीं कक्षा के मैथ्स आैर कैमिस्ट्री के पेपर में पूरे 100 अंक प्राप्त् किए थे। आैर उसके बाद जेर्इर्इ एंटरेंस पास कर देश के ख्याति प्राप्त संस्थान आर्इआर्इटी रूडकी में मैकेनिकल ब्रांच में दाखिला लिया।

पंसदीदा मैथ्य ने बनाया प्राेग्रामर

मैकेनिकल के छात्र के रूप में आदर्श अचानक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर कैसे बन गए, इस बारे में उनका कहना है कि उन्हें मैकेनिकल ब्रांच में ज्यादा रूचि नहीं थी, आैर मैथ्य उन्हें शुरू से पंसद था। तो इसलिए उन्होंने मैथ्स से जुडी चीजें की खोज शुरू कर दी, इसी दौरान उन्हें पता चला की प्रोग्रामिंग भी मैथ्स से जुडी हुर्इ है। बस फिर क्या था उन्होंने अपना रूख सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग की तरफ मोड दिया।

आदर्श का कहना है कि गणित के मुश्किल सवालों को सुलझाने के लिए अपनाए जानेवाले अलग-अलग तरीकों ने उन्हें सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर बनने में बहुम मदद की।

सीनियर ने किया प्रोत्साहित

इंजीनियरिंग के चौथे साल में आते-आते प्रोग्रामिंग पर आदर्श की अच्छी पकड हाे गर्इ। आैर इसी बीच उनके एक सीनियर हर्षिल शाह की नजर उन पर पडी। शाह खुद गूगल में कार्यरत थे। अौर उन्होंने आदर्श को गूगल में नौकरी के लिए प्रोत्साहित किया।

दाे महीने चला आॅनलाइन टेस्ट
आदर्श का कहना है कि हर्षिल सर ने मेरा हौसला बढाया आैर कहा कि मेरे प्रोग्रामिंग स्किल्स गूगल इंटरव्यू पास करने के लिए काफी हैं। जिसके बाद मैंने गूगल में अप्लार्इ किया। करीब दाे महीने तक चले आॅनलाइन आैर हैदराबाद में हुए आॅन-साइट स्टेज टेस्ट से गुजरने के बाद मेरा गूगल में चयन हो गया।

एसीएस-आर्इपीसी काॅम्पटिशन में लहराया परचम

आदर्श ने अगस्त से गूगल के जर्मनी आॅफिस में अपनी जाॅब शुरू करेंगे। उन्होंने इस साल अप्रेल में चीने के बीजिंग में हुए प्रोग्रामिंग कांटेस्ट में एसीएस-आर्इपीसी काॅम्पटिशन में हिस्सा लेकर दुनिया भर की 140 टीमों में से 56वां स्थान प्राप्त किया।

सच में देखा जाए ताे आदर्श की कामयाबी इस बात कर तरफ इशारा करती है कि यदि आदमी में लगन हाे ताे वाे काेर्इ भी चुनाैती पार करके अपनी सफलता काे हासिल कर सकता है।