GDS Bharti 2025 : ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) की असामयिक मृत्यु, लापता होने या गंभीर बीमारी के कारण सेवा से बाहर होने की स्थिति में उनके परिवार के सदस्य की डाक विभाग में नौकरी के नियमों में बदलाव किया गया है। डाक विभाग ने GDS Compassionate Engagement Scheme, 2023 को संशोधित करते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पहले केवल सीमित श्रेणी के Blood Relation वालों को ही अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाती थी। अब संशोधित स्कीम में विवाहित बेटियों, विधवा बहुओं और भाई-बहनों को भी पात्र माना गया है, बशर्ते वे Deceased पर आर्थिक रूप से पूरी तरह निर्भर थे।
नए नियमों के अनुसार, निम्नलिखित परिजनों को GDS पद के लिए पात्र माना गया है:
1- Deceased GDS का जीवनसाथी
2- विवाहित/कुंवारी बेटियां, जिनका पालन-पोषण Deceased द्वारा होता था
3- विधवा बहू, यदि Deceased का बेटा अयोग्य हो या परिवार में कोई और पात्र न हो
4- विवाहित बहन या विधवा बेटी, जो पूरी तरह निर्भर थीं
5- कुंवारे भाई-बहन, यदि GDS अविवाहित था
मृत्यु के दो साल में आवेदन करना अनिवार्य है। अगर कोई भी उस वक्त पात्र न हो, तो पात्रता प्राप्त करने के 2 साल के अंदर आवेदन किया जा सकता है। आवेदन निचले स्तर के अफसर को सौंपा जाएगा और उसके बाद यह CCE (Committee on Compassionate Engagement) के सामने जाएगा।
केवल रिक्त GDS पदों पर ही नियुक्ति की जा सकती है। पहले Deceased के पद को प्राथमिकता दी जाएगी, फिर उसी उप-डिवीजन और अंततः डिवीजन के अन्य रिक्त पद देखे जाएंगे। यदि आवेदक के पास न्यूनतम 10वीं पास की योग्यता नहीं है तो उसे 3 साल की मोहलत दी जाएगी, जिसमें उसे यह अर्हता प्राप्त करनी होगी। तब तक उसे प्रोविजनल आधार पर रखा जाएगा और नियमित वेतन लाभ नहीं मिलेगा।
GDS के दो साल से अधिक समय से लापता रहने की स्थिति में भी, FIR और पुलिस रिपोर्ट के आधार पर परिवार के किसी सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति मिल सकती है। गंभीर बीमारी या मानसिक अस्वस्थता के कारण यदि कोई GDS सेवा छोड़ता है तो भी नियमों के तहत उसकी अनुकंपा नियुक्ति संभव है। चयन के बाद CCE की सिफारिशों पर डिविजनल हेड प्रोविजनल जॉइनिंग की अनुमति देते हैं। अंतिम नियुक्ति के पहले सभी दस्तावेजों का सत्यापन अनिवार्य है। अगर दस्तावेज गलत पाए गए तो नियुक्ति तत्काल रद्द की जा सकती है।
Updated on:
27 Jun 2025 01:56 pm
Published on:
26 Jun 2025 08:02 pm