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UGC NET और PhD नहीं है तो बनें पीओपी, इस विश्वविद्यालय ने निकाली बंपर भर्ती

दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) ने प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती निकाली है। ये भर्तियां कुल 225 पदों पर निकाली गई है, जिसमें से प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस (पीओपी) के लिए 67 पद हैं।

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DTU (प्रतीकात्मक तस्वीर)

दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) ने प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती निकाली है। ये भर्तियां कुल 225 पदों पर निकाली गई है, जिसमें से प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस (पीओपी) के लिए 67 पद हैं और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 158 पद हैं। बता दें, डीटीयू ने प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर दोनों ही तरह के पदों के लिए अलग अलग नोटिफिकेशन जारी किए हैं।


प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस (पीओपी) शिक्षक नहीं होते हैं। यह अपने क्षेत्र के ऐसे अनुभवी लोग होते हैं, जिन्हें छात्रों को पढ़ाने के लिए रखा जाता है। उदाहरण के लिए फोटोग्राफर जिन्हें 10-15 सालों का अनुभव हो, वो कॉलेज में छात्रों को फोटोग्राफी पढ़ाते सकते हैं। ऐसे लोगों से पीएचडी या यूजीसी नेट जैसी डिग्री नहीं मांगी जाती है।


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डीटीयू में इस वैकेंसी के तहत विभिन्न क्षेत्रों के प्रोफेशनल और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाएंगे। हालांकि, पीओपी के तौर पर ऐसे लोगों को ही चुना जाता है, जिनके पास अपने काम में लंबा अनुभव हो।


प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के लिए यूजीसी नेट और पीएचडी की डिग्री की अनिवार्यता नहीं है। पीओपी पद के लिए उम्मीदवार शिक्षक नहीं होने चाहिए और 15 साल के अनुभव वाले ही पात्र होंगे। वहीं आवेदन की अंतिम तारीख 15 अप्रैल 2024 है।


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यूजीसी के द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक, इस पद के लिए इंजीनियरिंग, विज्ञान, साहित्य, उद्यमिता, सामाजिक विज्ञान, ललित कला, सिविल सेवा, कानून पेशे, पंचायती राज, ग्रामीण सेवा, वाटर हार्वेस्टिंग, ऑर्गेनिक फॉर्मिंग, स्माल ग्रीन एनर्जी सिस्टम, वाटरशेड डेवपलमेंट और सशस्त्र बलों जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ अप्लाई कर सकते हैं।

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प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर बनने वाले कॉन्ट्रेक्ट शुरू में एक वर्ष तक के लिए होंगे। काम के आधार पर कॉन्ट्रेक्ट एक एक साल के लिए बढ़ाया जाएगा। पीओपी की अधिकतम सेवा 3 वर्षों की होगी। वहीं असाधारण मामलों में इसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। किसी भी सूरत में कुल सेवा अवधि 4 वर्ष से अधिक नहीं होगी।


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