International Yoga Day पर ग्यारह साल की योगा ट्रेनर परिणीति सोलंकी की बात करना जरूरी है। आज अधिकतर घरों में बच्चों का सबसे बड़ा दोस्त उनका फोन है, ऐसे सभी बच्चों को परिणीति से सीखने की जरूरत है। जैसा नाम है वैसा ही कर दिखाया है दस साल की बच्ची ने। कोरोना में करीब पांच साल की रही जब स्कूल बंद हो गए, पिता ने योग सिखाना श्ुरू किया और सालों की मेहनत एवं लगातार अभ्यास से अब वह रबर की गुड़िया बन चुकी है। सोशल मीडिया पर पिता ने पेज बनाया, उसे बारह लाख लोग फॉलो कर रहे हैं। परिणीति राजस्थान की ब्लू सिटी , यानी जोधपुर से है। उसकी बेस्ट फैं्रड उसकी दादी है, दोनों मिलकर योग करते हैं।
दरअसल जोधपुर में रहने वाले रमाकांत सोलंकी योगा ट्रेनर हैं। उनसे बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। परिवार में भी अच्छा माहौल है और सभी सदस्य स्वस्थ हैं। परिणीति अपने पिता को ही प्रेरणा स्रोत मानती हैं। रमाकांत खुद एक अनुभवी योग प्रशिक्षक हैं। उनकी देखरेख में परिणीति ने मेडिटेशन, प्राणायाम और कठिन आसनों की गहराई से शिक्षा ली। वह बताती हैं कि योग से शारीरिक लचीलापन, मानसिक शांति और अनुशासन प्राप्त होता है। यही कारण है कि वह अपनी दिनचर्या में आहार और ध्यान पर विशेष ध्यान देती हैं।
परिणीति अब तक कई बड़ी हस्तियों को भी योग टिप्स दे चुकी हैं। इनमें इंटरनेशनल योग गुरु विक्रम सिंह मंडोई, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स और भारतीय सेना के वरिष्ठ अफसर भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वह फास्ट फूड से परहेज करती हैं और संतुलित आहार ही लेती हैं। उनका मानना है कि अच्छी सेहत का रहस्य अनुशासन और योग में ही छिपा है। परिणीति ने स्कूल में भी अपनी योग प्रतिभा से सबको प्रभावित किया है। वह अब तक कई प्रतियोगिताएं जीत चुकी हैं और उन्हें कई योग आयोजनों में आमंत्रित किया गया है। उनका सपना है कि वह एक दिन अंतरराष्ट्रीय योग गुरु बनकर भारत का नाम रोशन करें। आज वह ना सिर्फ एक दक्ष योग प्रशिक्षक बन चुकी हैंए बल्कि उन्होंने सैकड़ों लोगों को मुफ्त योग सिखाकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी किया है।
Published on:
21 Jun 2025 09:24 am