
ग्रामीण क्षेत्रों में पीपीपी मोड पर संचालित 30 स्वास्थ्य केंद्र फेल!
जोधपुर.
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर संचालित 75 में से 30 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं असंतोषप्रद पाई गई हैं। जबकि शहरी क्षेत्र के 31 स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थितियां अपेक्षाकृत संतोषप्रद हैं। राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पेश एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने पिछले साल पीपीपी मोड पर स्वास्थ्य केंद्र संचालित करने की योजना को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जिलेवार कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे। कमेटी को पीपीपी मोड पर संचालित स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देनी थी। अब तक प्राप्त केंद्रों की रिपोर्ट सरकार ने कोर्ट में पेश कर दी है, जिस पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी।
सरकार ने निदेशक, सीएमएचओ, बीसीएमएचओ की टीम गठित की थी। इसे पीपीपी मोड पर दिए गए समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। रिपोर्ट में प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव की संख्या, बाह्य रोगियों की जांच, स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध दवाइयां, स्वास्थ्य जांच के प्रकार, टीकाकरण के आंकड़े, साफ सफाई, मेडिकल स्टाफ की योग्यता आदि मापदंडों का ध्यान रखने के निर्देश दिए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 75 स्वास्थ्य केंद्र पीपीपी मोड पर संचालित थे, जिनमें केवल 37 केंद्रों की सेवाएं ही संतोषद पाई गई, जबकि 8 केंद्रों की रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं हुई। इसी तरह शहरी क्षेत्र के 31 केंद्रों में 5 की रिपोर्ट असंतोषप्रद तथा 5 की रिपोर्ट अब तक प्राप्त नहीं हुई है।
Published on:
03 Jan 2020 11:16 pm
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