6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

33% महिलाओं को जोधपुर की सड़कों पर चलने से लगता है डर

राष्ट्रीय महिला आयोग, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी व संभली ट्रस्ट ने मिलकर किया सर्वे

2 min read
Google source verification
33% महिलाओं को जोधपुर की सड़कों पर चलने से लगता है डर

33% महिलाओं को जोधपुर की सड़कों पर चलने से लगता है डर

जोधपुर सहित देश के 14 टियर-2 शहरों में महिला सुरक्षा को लेकर सर्वे किया जा रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग की पहल पर गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और संभली ट्रस्ट की ओर से यह सर्वे करवाया गया है। इसका ड्राफ्ट सोमवार को स्टेक होल्डर की बैठक में रखा गया है। खास बात यह है कि जोधपुर की 33 प्रतिशत महिलाएं सड़कों पर अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती, जबकि सर्विलांस-सिक्योरिटी के मामले में भी 33 प्रतिशत महिलाएं जोधपुर को कमजोर मानती है।

महिला सुरक्षा ऑडिट परियोजना के तहत राष्ट्रीय महिला आयोग की पहल पर गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और सम्भली ट्रस्ट ने जोधपुर में पिछले चार माह में यह रेंडम सैम्पल से यह सर्वे किया है। सोमवार को गांधी शांति प्रतिष्ठान में इसी थीम को लेकर एक स्टेक होल्डर्स की बैठक हुई और प्रजेंटेशन दिया गया। इस कार्यक्रम में, महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया। जिसमें गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से जुड़े जोधपुर महिला सशक्तिकरण माध्यम के ब्यूरो के ज्योति बनिया द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं। महापौर उत्तर कुंती देवड़ा परिहार भी मौजूद रही। सम्भली ट्रस्ट के संस्थापक गोविंद सिंह राठौड़ ने महिला और बच्चों की सुरक्षा सर्वे में मनीषा, ललित, दीपक, कुलदीप, राहुल, और धर्मेंद्र जैसे स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका का स्वागत किया। राठौड़ ने सर्वे की महत्वता पर जोर दिया, जिसका नेतृत्व टीम लीडर वीरेंद्र सिंह ने किया। प्रबंधकीय ट्रस्टी श्यामा तंवर ने आभार जताा।

यह है सर्वे की खास बातें

यह सर्वे शहर में कुल 830 महिलाओं किया गया है, उनके विचार कैमरे में रिकॉर्ड भी किए गए। इनमें 100 एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग शामिल है। इस सर्वे को चार महीने में पूरा किया गया है, अभी यह वेरिफिकेशन के दौर में है, इसके बाद सभी आंकड़े राष्ट्रीय महिला आयोग में जाएंगे और वहां से सभी 14 शहरों के डेटा जारी किए जाएंगे। राजस्थान में इस श्रेणी में सिर्फ जोधपुर को चुना गया है।

यह मिला सर्वे का परिणाम

- 13 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि उन्होंने पब्लिक प्लेस में यौन उत्पीड़न झेला है, इनमें से 30 महिलाओं ने इग्नोर किया व कहीं शिकायत नहीं की।

- 33 प्रतिशत को शहर की सड़कें चलने में सुरक्षित नहीं लगती, खास तौर पर रात को छेड़छाड़ होने का खतरा रहता है।- 81 प्रतिशत शहर में लाइटिंग सुविधाओं से संतुष्ट है।

- 59 प्रतिशत महिलाएं शहर में संकेत व साइनेज नहीं होने की समस्या की शिकायत करती हैं।- 33 प्रतिशत महिलाएं शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट व अन्य स्थानों पर सर्विलांस व सुरक्षा में कमी मानती है।