जोधपुर—- 8, 75, 481.99 नागौर—-6, 73, 896.05
जयपुर प्रथम—-5, 28, 096.39 जालोर—-4, 42, 838.49
कोटा—3, 91, 305.50 दौसा—3, 77, 850.92
बांसवाड़ा—-3, 73, 507.23
राजसमंद—2, 86,166.63 सिरोही—2, 33, 376.68
चूरू-2, 29, 281.89 पाली—1, 80, 612.73
जैसलमेर—1, 67, 985.85 प्रतापगढ़—1, 56, 831.73
अजमेर—1,56,336.46 चितौडगढ़़— 1,24,318.88
अलवर—1, 16, 439.28 सवाईमाधोपुर—1,09,070.94
उदयपुर—1,04,687.86 जयपुर द्वितीय—89,522.37
करौली—56,366.41 धौलपुर—51,755.95
टोंक—30,850.21 बारां—23,587.96
झुंझुनूं—17,477.80
बीकानेर— 13,767.68 भरतपुर—10,905
सीकर—3,583.59 श्रीगंगानगर—3,462. 55
हनुमानगढ़—733.़35 भीलवाड़ा—324
झालावाड़-00
लापरवाह जिलों को नोटिस कई दवाइयां ई-औषधि सॉफ्टवेयर के रिकॉर्ड में इंद्राज नहीं हुई। सीएमएचओ व बीसीएमओ कोविड मैनेजमेंट में लग गए। सभी सीएमएचओ व पीएमओ को कई बार इंद्राज करने के लिए कहा गया। दूसरा, कोरोना के कारण कई मरीज अस्पताल भी नहीं आए, इससे भी उपयोग पर असर पड़ा।
– डॉ. केके शर्मा, निदेशक (जनस्वास्थ्य)
अस्पताल प्रबंधन हर पर्ची का ई-औषधि सॉफ्टवेयर में इंंद्राज करता है। यह काम कोविड मैनेजमेंट के कारण पूरा नहीं हो पाया। दवाइयां मरीजों तक पहुंची है। ये कहना गलत है कि दवाइयां पड़ी रह गई। औषधि भंडार में एक भी दवा अवधिपार नहीं हुई।