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देश के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेड़कर के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए इस शख्श ने बीते 22 साल में करीब 80 प्रतिमाओं का निर्माण करवा दिया। इतना ही नहीं इन प्रतिमाओं को प्रदेशभर के अलग-अलग शहरों में स्थापित भी करवाया।
जोधपुर के नागौरी गेट निवासी घनश्याम मेघवाल का यह सफर अभी थमा नहीं है, बल्कि अभी भी और प्रतिमाओं का निर्माण करवा रहे हैं। साथ ही मेघवाल देश की रक्षा में प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों की प्रतिमाओं का निर्माण करने की भी इच्छा रखते हैं।
आठ जिलों में लगवाईं प्रतिमाएं
दलित उत्थान के लिए सामाजिक कार्य करने वाले मेघवाल ने बाबा साहेब की पहली प्रतिमा का अनावरण वर्ष १९९२ में तिंवरी व सर्किट हाउस के पास किया था।
इसके बाद से जोधपुर, राजसंमद, पाली, जालोर, सिरोही, बाड़मेर, नागौर, जैसलमेर आदि आठ जिलों में प्रतिमाएं स्थापित करवा चुके हैं।
इन देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी लगवाई
घनश्याम मेघवाल बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेड़कर की प्रतिमाओं के अलावा आई माता बिलाडा़, लोक देवता बाबा रामदेव भीयासर व नगत बन्ना बापिणी की प्रतिमाएं भी स्थापित करवा चुके हैं।
इन तत्वों से बना रहे प्रतिमा
जोधपुर के भगत कोठी क्षेत्र के पीली टंकी के पास बाबा साहेब की प्रतिमा तैयार की जा रही हैं। पाली जिले के गूरलाई गांव के कालूराम बावरी बीते पांच वर्ष से विभिन्न प्रतिमाओं का निर्माण कर रहे हैं। कालूराम ने बताया कि बाबा साहेब की प्रतिमाओं के निर्माण के लिए तांबा, लौहा, पीतल, एल्यूमिनियम व केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है।
शहीदों की प्रतिमाएं बनाने की इच्छा
घनश्याम मेघवाल ने पत्रिका को बताया की वह देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों की निशुल्क प्रतिमाएं बनाने की इच्छा रखते हैं। साथ ही देवी-देवता, महापुरुष, महान स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिमा बनवाने के लिए भी तैयार हैं।
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