
जोधपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जोधपुर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित होगा। इसमें फेसबुक की पैरेंट कम्पनी मेटा तीन साल तक 750 लाख का फण्ड देगी। यह फण्ड समस्याओं को एआइ के मार्फत दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण, ऐप, टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए दिया जाएगा। तीन साल में एक लाख युवाओं को एआइ में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। एआइ के माध्यम से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट मोबिलिटी, सस्टेनिबिलिटी, फाइनेंशियल और सोशल इंक्लूजन जैसे मुददों पर काम होगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए मेटा ने केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमइआइटीवाइ) के डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआइसी) के तहत एक फ्री बिजनेस यूनिट ‘इंडियाएआइ’ के साथ एमओयू किया है। इसमें एआइसीटीइ और आइआइटी जोधपुर सहयोगी के रूप में रहेंगे। एमओयू के तहत जनरेटिव एआइ में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने और एआइ में स्किलिंग का लक्ष्य रखा गया है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंट में एआइ पर एकेडमिक रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। इसमें आइआइटी जोधपुर के शिक्षक, पोस्ट डॉक्टरल फैलो, छात्र-छात्राएं शामिल होंगे, जो सेंटर डायरेक्टर के निर्देशन में काम करेंगे।
आइआइटी जोधपुर अन्य संस्थाओं के साथ भी समन्वय करेगा। रेलवे में एआइ के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए गति शक्ति विश्वविद्यालय के साथ काम किया जाएगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में एआइ के उपयोग के लिए पीजीआइ चंडीगढ़, एम्स जोधपुर, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एण्ड एलाइड साइंस दिल्ली की मदद ली जाएगी। एआइसीटीइ पाठ्यक्रम में एआइ का उपयोग करेगा।
Published on:
26 Oct 2024 03:52 pm
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