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aiims jodhpur: बड़ी आंत की बीमारी का रोबोटिक विधि से ऑपरेशन

    एम्स जोधपुर

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aiims jodhpur:   बड़ी आंत की बीमारी का रोबोटिक विधि से ऑपरेशन

aiims jodhpur: बड़ी आंत की बीमारी का रोबोटिक विधि से ऑपरेशन

जोधपुर. राजस्थान में पहली बार एम्स जोधपुर में बड़ी आंत की बीमारी का रोबोटिक विधि से से ऑपरेशन किया गया। 31 वर्षीय जोधपुर निवासी अल्सरेटिव कोलाइटिस नामक बीमारी से दो साल से पीडि़त था। इस रोग में बड़ी आंत की आंतरिक सतह में सूजन आ जाती है और उसमें छाले या घाव होने लगते हैं। इस बीमारी में रोगी को पेट में दर्द, दस्त और मल में खून आने की समस्या होती है। दवाओं से अल्सरेटिव कोलाइटिस बीमारी का इलाज शुरू किया गया था। परन्तु बीमारी के लक्षणों में सुधार नहीं आ रहा था। इस स्थिति में मरीज को प्रोक्टो-कोलेक्टॉमी नामक सर्जरी कराने की सलाह दी गई। इस रोग के उपचार के लिए मरीज को एम्स जोधपुर के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में डॉ वैभव वाष्र्णेय की देखरेख में भर्ती कराया गया तथा रोबोटिक विधि से सर्जरी करने की योजना बनाई गई। सर्जरी 8 एमएम के 4 छोटे चीरों से सम्पन्न हुई तथा बड़ी आंत निकालने के बाद छोटी आंत का पाउच बनाकर मल के रास्ते से जोड़ दिया गया। मरीज की सफल सर्जरी के बाद डॉ वैभव वाष्र्णेय नेबताया कि प्रोक्टोकोलेक्टॉमी एक चुनौतीपूर्ण सर्जरी होती है जिसमें ऑपरेशन के दौरान अधिक रक्तस्राव और बड़े चीरे के कारण इंन्फेक्शन होने की संभावना भी रहती है। इसके विपरित रोबोटिक विधि की मदद से ऑपरेशन सुरक्षित रूप से छोटे चीरों से सम्भव हो जाता है तथा रक्त की हानि भी ना के बराबर होती है। ऑपरेशन के बाद मरीज के स्वास्थ्य में जल्दी सुधार आ जाता है। सर्जरी के 7 दिन में मरीज को छुट्टी दे दी गई थी। सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी से डॉ वैभव वाष्र्णेय के साथ डॉ सुभाष सोनी, डॉ सेल्वा कुमार, डॉ पीयूष वाष्र्णेय, डॉ आशीष स्वामी और डॉ विग्नेश ने सर्जरी की योजना बनाने में मदद की और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ प्रदीप भाटिया, डॉ तन्वी और नर्सिंग अधिकारी संतोष कुरी ने सर्जरी में मदद की। एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ एमके गर्ग ने बताया कि अस्पताल में रोबोटिक विधि से सर्जरी होने के कारण अधिक से अधिक मरीजों को इस का लाभ प्रदान हुआ है। एम्स निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा ने पूरी टीम को बधाई दीं।