जोधपुर।
देश की सबसे सुरक्षित जेलों में शुमार होने वाली रियासतकालीन जोधपुर सेन्ट्रल जेल (Jodhpur central jail) के अब दो भाग होने (The Central Jail will now have two parts) वाले हैं। जेल के कैदी व बंदियों को पृथक-पृथक जेल में रखा जाएगा। कैदियों के लिए अलग जेल बनाई जाएगी। इसके लिए जेल प्रशासन ने जेडीए की मदद से शहर से बाहर जमीन देखना शुरू किया है। (Two part Prisoners serving sentences will go out of town)
जेल के लिए 100 बीघा जमीन की दरकार
वर्तमान जेल में अमूमन क्षमता से अधिक बंदी बंद रहते हैं। ऐसे में जेल के दो भाग किए जा रहे हैं। अलग जेल के लिए 100 बीघा जमीन की जरूरत रहेगी। इसके लिए जेडीए के साथ मिलकर शहर के बाहर जमीन तलाशी जा रही है। दांतीवाड़ा गांव में जमीन देखी गई है। जिस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।
कोर्ट पेशी के चलते बंदी रहेंगे पुरानी जेल में
कोर्ट से सजा पाने वाले कैदियों को अमूमन पेशी पर जाने की कम आवश्यकता होती है। वहीं, न्यायिक अभिरक्षा में बंद बंदियों की हर 15 दिन में पेशी होती है। ऐसे बंदियों को जेल से प्रतिदिन पेशी पर कोर्ट ले जाया जाता है। इसलिए न्यायिक अभिरक्षा वाले बंदियों को पुरानी जेल में ही रखा जाएगा।
1475 बंदियों की क्षमता वाली है जोधपुर जेल
फिलहाल जोधपुर सेन्ट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदी और न्यायिक अभिरक्षा वाले बंदी एक साथ ही बंद हैं। जेल की 1475 बंदियों की क्षमता है। वर्तमान में करीब 1500 बंदी बंद हैं। मुख्य जेल के पास ही महिला जेल है, जहां नब्बे महिलाएं बंद हैं।
साढ़े तीन सौ कैदी हैं बंद
केन्द्रीय कारागार जोधपुर में संभाग के छह जिलों के अलावा अन्य जिलों के कैदी भी बंद हैं। वर्तमान में करीब 350 कैदी जेल में सजा काट रहे हैं। नई जेल बनने पर इन सभी को स्थानान्तरित किया जाएगा। जेल का कारखाना व फैक्ट्री भी नई बनाई जाएगी।
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‘जेल में सजा काटने वाले कैदियों के लिए अलग से जेल बनाने की योजना है। जेडीए की मदद से दांतीवाड़ा में सौ बीघा जमीन देखी है।’
राजपालसिंह, जेल अधीक्षक, जोधपुर सेन्ट्ल जेल।