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जोधपुर में एंटीबायोटिक दवाओं के कारोबार को करोड़ों का फटका, इस कारण से भी पड़ रहा विपरीत प्रभाव

जीवनरक्षक व घावों को भरने में कार्य आने वाली एंटीबायोटिक दवाओं का कारोबार जोधपुर में हर माह करोड़ों में रहता है। लेकिन लॉकडाउन के चलते जोधपुर का मार्केट भी डाउन फॉल पर आया है। इसकी बड़ी वजह निजी अस्पतालों में कोरोना काल के चलते टले ऑपरेशन भी हैं।

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antibiotic medicine business is suffering from huge loss in jodhpur

जोधपुर में एंटीबायोटिक दवाओं के कारोबार को करोड़ों का फटका, इस कारण से भी पड़ रहा विपरीत प्रभाव

अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. जीवनरक्षक व घावों को भरने में कार्य आने वाली एंटीबायोटिक दवाओं का कारोबार जोधपुर में हर माह करोड़ों में रहता है। लेकिन लॉकडाउन के चलते जोधपुर का मार्केट भी डाउन फॉल पर आया है। इसकी बड़ी वजह निजी अस्पतालों में कोरोना काल के चलते टले ऑपरेशन भी हैं। हालांकि सरकारी अस्पतालों में कई तरह के एंटीबायोटिक इंजेक्शन निशुल्क हैं, लेकिन पांच-सात तरह के इंजेक्शन यहां भी उपलब्ध नहीं होते। इस कारण बाजार में भी एंटीबायोटिक दवाओं की मांग घटी है। इसके अलावा क्रॉनिक डिजीज मरीजों को दी जाने वाली दवाओं की आपूर्ति बाजार में बराबर रही है। इसमें मधुमेह, ह्रदय रोग व उच्च रक्तचाप की दवाइयां खूब बिकी है।

सर्वाधिक बिकते हैं एंटीबायोटिक इंजेक्शन
जोधपुर में सर्वाधिक एंटीबायोटिक इंजेक्शन की खपत होती है। निजी व सरकारी अस्पताल ऑपरेशन के बाद विभिन्न तरह के इंजेक्शन मरीजों के मर्ज दूर करने के लिए लिखते हैं। लेकिन लॉक डाउन व शहर में कफ्र्यू के चलते कई ऑपरेशन जोधपुर में टले हैं।

बुखार व एंटीबायोटिक दवा भी यों न मिली
शहर में बढ़ते कोरोना के चलते एंटीबायोटिक गोलियां व बुखार की गोलियां भी लोगों को सुलभ मुहैया नहीं हो पाई। इसकी वजह ये भी हैं कि कई जगह केमिस्ट दुकान खोल नहीं पाए। कई जगह खोल पाए तो उनके पास पर्याप्त दवाइयां नहीं मिली। बाद में कोरोना के मद्देनजर केमिस्टों को एंटीबायोटिक व बुखार की दवाइयां सीधे नहीं बेचने के निर्देश निकले थे, ताकि कोरोना मरीज अस्पताल पहुंचे।

करोड़ों की बिक्री कम हुई
जोधपुर केमिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष ओपी खंडेलवाल ने कहा कि सर्वाधिक एंटीबायोटिक इंजेक्शन चलते हैं। शहर में निजी, सरकारी व ऑर्थोपेडिक विभाग में सभी तरह के ऑपरेशन बंद हो रखे हैं। मरीजों के सर्जरी के अभाव में एंटीबायोटिक दवाओं का उठाव बाजार में नहीं हो रहा है। इन दवाइयों की करोड़ों में बिक्री कम हुई है।