6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Apara Ekadashi देशभर में अलग-अलग नामों से मनाई जाती है

-सभी पापों से मुक्ति दिलाता है अपरा एकादशी का व्रत- अपरा एकादशी 15 को

less than 1 minute read
Google source verification

जोधपुर

image

Amit Dave

May 14, 2023

Apara Ekadashi  देशभर में अलग-अलग नामों से मनाई जाती है

Apara Ekadashi देशभर में अलग-अलग नामों से मनाई जाती है

जोधपुर।

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। इस साल अपरा एकादशी 15 मई सोमवार को है। इसे अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है और विधि-विधान से श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पं अनीष व्यास के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत सोमवार को दोपहर 2:46 बजे होगी व अगले दिन मंगलवार को यह तिथि दोपहर 1:03 बजे समाप्त होगी। 15 मई को उदया तिथि है, इसलिए इसी दिन अपरा एकादशी व्रत रखा जाएगा। वैसे तो प्रत्येक एकादशी का अपना महत्व होता है लेकिन अपरा एकादशी विशेष रूप से शुभ और लाभकारी मानी जाती है।
------------
असीमित लाभ और तरक्की देता है यह व्रत

पं भोजराज द्विवेदी के अनुसार, अपरा एकादशी का महत्व 'ब्रह्म पुराण' में बताया गया है। माना जाता है कि जो भी यह व्रत रखता है, उसको जीवन में अपार तरक्की मिलती है, साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। हिंदी में 'अपार' शब्द का अर्थ 'असीमित' है, क्योंकि इस व्रत को करने से व्यक्ति को असीमित धन की भी प्राप्ति होती है, इस कारण से ही इस एकादशी को 'अपरा एकादशी' कहा जाता है। इस एकादशी का एक और अर्थ यह है कि यह अपने उपासक को असीमित लाभ देती है।
---------

देशभर में मनाई जाती, अलग-अलग नामों से जाना जाता है
अपरा एकादशी पूरे देश में मनाई जाती है। इसे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। पंजाब, जम्मू और कश्मीर और हरियाणा राज्य में अपरा एकादशी को 'भद्रकाली एकादशी' के रूप में मनाया जाता है और इस दिन देवी भद्रा काली की पूजा करना शुभ माना जाता है। उड़ीसा में इसे 'जलक्रीड़ा एकादशी' के रूप में जाना जाता है और भगवान जगन्नाथ के सम्मान में मनाया जाता है।

--------