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Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर के प्रोजेक्ट इंचार्ज विनोद मेहता ने कहा- पत्थरों की नक्काशी में जोधपुर का अनुभव काम आया

Jodhpur News: अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला विराजमान हो जाएंगे। लेकिन मंदिर निर्माण का काम इसके बाद भी चलता रहेगा। यह पहला चरण है, जिसे चुनौतियों के साथ तीन साल में पूरा किया गया है।

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Ram Mandir अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला विराजमान हो जाएंगे। लेकिन मंदिर निर्माण का काम इसके बाद भी चलता रहेगा। यह पहला चरण है, जिसे चुनौतियों के साथ तीन साल में पूरा किया गया है। अभी दूसरा और तीसरा चरण इस साल के अंत तक पूरा किया जाएगा। यह कहना है कि राम मंदिर निर्माण करने वाली कंपनी एलएंडटी के प्रोजेक्ट इंचार्ज विनोद मेहता का। मेहता मूल रूप से जोधपुर के रहने वाले हैं। पिछले 30 साल से कंपनी के साथ काम कर रहे हैं। पत्रिका के साथ उन्होंने इस निर्माण से जुड़े अपने अनुभव साझा किए।

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पत्थरों की नक्काशी में जोधपुरी अनुभव
मेहता बताते हैं कि सबसे बड़ी चुनौती पत्थरों की नक्काशी थी, क्योंकि इससे पहले वे 20 साल से विदेशों में ही प्रोजेक्ट करते आए थे और वहां ऐसे काम नहीं होते थे। ऐसे में उनके पैतृक स्थान जोधपुर का अनुभव काम आया। यहां पत्थर उद्योग है और उसके बारे में जानकारी भी है। इससे पहले 1996 से 2002 के बीच संसद भवन के प्रोजेक्ट पर भी काम किया था। उसमें भी पत्थरों की नक्काशी का काम था, ऐसे में वह अनुभव काम आया।


रोमांचित और चुनौतिपूर्ण काम
मेहता बताते हैं कि इस प्रोजेक्ट में चुनौतियां और रोमांच दोनों था। अयोध्या राम मंदिर निर्माण से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। ऐसे में जनभावना की उम्मीदों पर खरा उतरना सबसे बड़ा सवाल था। दूसरी ओर प्रोजेक्ट के लिए समय सीमा तय थी। ऐसे में टाइमबाउंडेशन के हिसाब से काम करना भी बड़ी चुनौती थी।

एक नजर में अयोध्या राम मंदिर प्रोजेक्ट
- 1270 करोड़ का पूरा प्रोजेक्ट है।
- 03 साल से ज्यादा समय से चल रहा काम।
- 150 कर्मचारियों का स्टाफ कार्यरत।
- 4000 से ज्यादा श्रमिक ऑन साइट काम कर रहे रात-दिन।

अभी ग्राउंड फ्लोर हुआ पूरा
मंदिर परिसर में ग्राउंड, प्रथम और द्वितीय फ्लोर निर्माण का काम कंपनी को मिला है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने से पहले ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा कर दिया गया है। मंदिर प्रतिष्ठा के बाद भी निर्माण चलता रहेगा। इसके बाद प्रथम और द्वितीय तल का निर्माण होगा।

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पहली बार मंदिर प्रोजेक्ट
मेहता ने इससे पहले ज्यादातर गल्फ कंट्रीज में ही काम किया है। पहली बार मंदिर का प्रोजेक्ट मिला है। इसके अपने सुखद और चैलेंजिंग अनुभव रहे हैं। पत्थर बंशीपहाड़पुर से आए हैं और नक्काशी के लिए विशेषज्ञ लिए गए थे। काम को समय पर करने के लिए कंपनी में मेहता की विशेष पहचान है। कई प्रोजेक्ट इसी प्रकार समय पर किए हैं। इसका कारण एलएंडटी का बैकअप है और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है।