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एडवाइजरी में संबंधित चिकित्सकों को अलग-अलग आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक व यूनानी दवाइयां के उपचार में उपयोग की सलाह दी गई है। मरीजों को इस बीमारी में कौनसी दवाइयां चिकित्सकीय सलाह से लेनी चाहिए। इस मुद्दे पर फलोदी क्षेत्र के विशेषज्ञ चिकित्सकों से भी राय जानी गई। प्रसतुत है उनकी राय।
आयुर्वेद की दवाइयां -
आरबीएसके भोपालगढ़ के आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. भरत सोनी ने का कहना है कि कोरोना से संबंधित लक्षण होने तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। आयुर्वेद में इसके उपचार के लिए अगस्त्य हरीतकी, संसमनी वटी, त्रिकटू, तुलसी, अणु तेल का नस्य का उपयोग काफी कारगर रहता है। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और लक्षणों पर नियंत्रण होता है।
होम्योपैथ की दवाईयां -
आरबीएसके फलोदी के होम्योपैथिकचिकित्सक डॉ. सिकन्दर वर्मा का कहना है कि होम्योपेथी की दवाइयां एकोनाइट, आर्सेनिक, औरमट्राई फीलियम, कार्बोवेज, नक्स वॉमिका, बैक्टिसिया, ब्रायोनिया, यूपाटोरियम परफोलिएटम, सल्फर, बेलाडोना आदि दवाइयां लक्ष्ण के अनुसार कारगर है।
यूनानी दवाईयां -
राजकीय यूनानी औषधालय ननेऊ (फलोदी) के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. जमालुदीन सिन्धी ने बताया कि शरबत उन्नाब, तिरयाक नजला, खमीरा मरवारीद, अर्क अजीब का सेवन, रोगन बनाफ्सा या कफूरी बाम सिर व छाती पर लगाना कारगर रहता है।
ये है कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण - तेज बुखार, खांसी, श्वसन संबंधित परेशानी, सिरदर्द, नाक बहना, गले में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, अस्वस्थ महसूस करना।
ये रखें सावधानियां -
स्वयं व आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखें, साबुन से करीब २० सैकण्ड तक अच्छी तरह हाथ धोएं, १ लीटर पानी में मुस्ता, पर्पत, उशीर, उड़ीच्य, नगर और चंदन आदि को मिलाकर बोतल में रखें तथा प्यास लगने पर इसे पीना चाहिए, आंख, बिना हाथ धोए आंख, नाक या मुंह पर हाथ नहीं लगाएं, मरीज से उचित दूरी बनाएं रखे, बीमार होने पर घर पर ही रहें, एन ९५ मास्क लगाएं, खांसी या छींकते समय मुंंह पर हाथ रखें, वायरस के लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लें।
Published on:
04 Feb 2020 11:34 am
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