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कोरोना इफेक्ट : बैंकों में पांच से ज्यादा ग्राहकों को एंट्री नहीं, जारी रहेंगी आवश्यक सेवाएं

कोरोना वायरस को पुलिस, मेडिकल के साथ बैंक भी ग्राहकों को आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे है। सरकारी व निजी बैंक कोरोना वायरस को लेकर सतर्क है। साथ ही, ग्राहकों की वित्तीय जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आइबीए) ने ग्राहकों से अपील की है कि हम एक दूसरे का सहयोग करें, बैंक ग्राहकों की सेवा में है

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banking services functioning during lockdown due to coronavirus

कोरोना इफेक्ट : बैंकों में पांच से ज्यादा ग्राहकों को एंट्री नहीं, जारी रहेंगी आवश्यक सेवाएं

जोधपुर. कोरोना वायरस को पुलिस, मेडिकल के साथ बैंक भी ग्राहकों को आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे है। सरकारी व निजी बैंक कोरोना वायरस को लेकर सतर्क है। साथ ही, ग्राहकों की वित्तीय जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आइबीए) ने ग्राहकों से अपील की है कि हम एक दूसरे का सहयोग करें, बैंक ग्राहकों की सेवा में है, पर कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए ग्राहक प्राथमिक जरुरतों को पूरा करने के लिए ही बैंक जाए। ग्राहक केवाइसी, पासबुक एंट्री सहित अन्य गैर जरूरी कामों के लिए बाद में भी जा सकते हैं।

अभी ग्राहक इन कामों के लिए ही बैंक जाएं
- बैंक से नकदी निकालना व पैसे जमा कराना।
- चैक क्लियरिंग के लिए।
- पैसे ट्रांसफर कराने के लिए ।
- सरकारी लेनदेन।

बैंक भी सतर्क
-कोरोना वायरस को लेकर सरकारी व निजी बैंक एहतियात बरत रहे है।
- अधिकांश बैंकों में 5 से ज्यादा ग्राहकों को एंट्री नहीं।
- बैंक के गेट पर ग्राहकों के हाथ धोने की व्यवस्था।
- हाथ सैनेटाइज कर ही बैंक में प्रवेश।
- ग्राहक को मास्क लगाकर ही प्रवेश।
- बैंकिंग कार्य बाहर जाने पर भी हाथ सैनेटाइज की व्यवस्था।

एटीएम नोटों से फुल
बैंकों का कहना है कि अन्य लोग प्रभावित न हो व ग्राहकों की सुविधा के लिए एटीएम नोटों से फुल किए जा रहे है। ग्राहक बैंक में न आकर एटीएम से भी रुपए निकाल सकते है। वहीं बैंक अपने ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल एप जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल करने पर भी जोर दे रहे है।

महिलाकर्मियों को छूट
कोरोना वायरस को देखते हुए बैंकों ने अपने कर्मचारियों के लिए गाइडलाइन्स जारी की है। जिसमें बैंककर्मियों के लिए वैकल्पिक दिनों का शेड्यूल तैयार किया गया है। वहीं कुछ सरकारी बैंकों ने प्रेग्नेंट महिला कर्मचारी व बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलकर्मियों को बिना मेडिकल सर्टिफिकेट दस दिन के अवकाश पर जाने की सुविधा दी है।