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समाज में अनूठी मिसाल: सगाई में मिली 11 लाख की दस्तूरी लौटाई, राजपूत शिक्षा कोष में दिए 42 हजार

एक परिवार ने सगाई समारोह में मिला 11 लाख रुपये का टीका-दस्तूर लौटाकर न केवल दहेज जैसी कुप्रथा पर प्रहार किया, बल्कि शिक्षा, संस्कार और समानता का सशक्त संदेश भी दिया है।

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Photo- Patrika

जोधपुर। राजपूत समाज में शिक्षा को बढ़ावा देने और दहेज-टीका जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने का प्रेरणादायक संदेश देते हुए समाज के एक परिवार ने सगाई समारोह में मिला 11 लाख रुपये का टीका-दस्तूर लौटाकर अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।

जोधपुर के एक निजी होटल सभागार में ताम्बड़िया कला निवासी जसवंत सिंह राठौड़ की पुत्री कोमल कंवर और आखतली निवासी सुरेन्द्र सिंह भाटी के पुत्र काव्यराज सिंह की सगाई के दस्तूर के दौरान कन्या पक्ष की ओर से परंपरागत टीका-दस्तूरी स्वरूप 11 लाख रुपये भेंट किए गए थे। वर पक्ष ने समाज सुधार की दृढ़ पहल करते हुए यह पूरी राशि ससम्मान लौटाई और केवल शगुन स्वरूप श्रीफल ग्रहण कर रस्म पूरी की।

दोनों परिवारों ने मिलकर 42,000 रुपए राजपूत शिक्षा कोष तथा 11,000 रुपये कोटेश्वर धाम, गढ़ सिवाना को भेंट किए, ताकि राशि समाजहित और धर्मकार्यों में लगे। कार्यक्रम में मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा, दुर्ग सिंह भाटी, आंसु सिंह राठौड़, भंवर सिंह (एडवोकेट), देवीसिंह सहित समाज के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।