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निर्माण करवाने से पहले जांच ले जोन, वरना काटने पड़ेंगे चक्कर

- भवन निर्माण की अनुमति लेने के लिए आधे से ज्यादा शहर परेशान, अहमदाबाद से मिलती है एनओसी और इसके लिए महीनों करना पड़ता हैं इंतजार

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निर्माण करवाने से पहले जांच ले जोन, वरना काटने पड़ेंगे चक्कर

निर्माण करवाने से पहले जांच ले जोन, वरना काटने पड़ेंगे चक्कर

जोधपुर. यदि शहर में आप मकान, दुकान या अन्य निर्माण करवाने जा रहे हैं जो अपना जोन जरूर जांच ले। नगर निगम और जोधपुर विकास प्राधिकरण में आप निर्माण की अनुमति मांगेंगे तो साथ ही आपको एयरफोर्स के जोन खना भी जरूरी है। रेड सहित कुल चार जोन में बंटे शहर में निर्माण की अनुमति लेने के लिए महीनों चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इसी फेर में कई निर्माण तो बिना अनुमति और बिना एनओसी के ही हो रहे हैं।

क्या है कारणजोधपुर एयरफोर्स स्टेशन पर एयरोड्रोम की ऊंचाई समुद्र तल से 217 मीटर है। ऐसे में शहर को चार जोन में बांट कर ऊंचाई के अनुसार निर्माण की एनओसी मिलती है। जेडीए या नगर निगम में निर्माण अनुमति तभी मिलती है जब कलर कोडिंग जोनिंग मैप (सीसीजेडएम) की एनओसी हो, इसके लिए आवेदन भी अहमदाबाद में किया जाता है।

यह है जोनवार स्थितिरेड जोन - शहर का 7222 हेक्टेयर क्षेत्रफल रेड जोन में आता है। इस जोन में किसी भी प्रकार का निर्माण करना हो तो वायुसेना की अनुमति आवश्यक है। इसमें भूतल का निर्माण भी बिना अनुमति नहीं हो सकता।

पिंक व स्काई ब्लू जोन - पिंक जोन में 243 मीटर और स्काई ब्लू जोन में 223 मीटर से अधिक ऊंचाई का निर्माण करने के लिए अनुमति लेना जरूरी है।येलो व ग्रीन जोन - यदि येलो जोन में 337 मीटर से अधिक का निर्माण किया जाता है और ग्रीन जोन में 367 मीटर से अधिक का निर्माण बिना एनओसी अनुमत नहीं किया जाएगा।

जेडीए ने रखी है मांग

जेडीए के डायरेक्टर प्लानिंग सुभाष शर्मा ने बताया कि जेडीए की ओर से वायुसेना के साथ बैठक कर इस एनओसी प्रक्रिया में कुछ छूट की मांग रखी है। उन्होंने हाल ही में पत्र लिखकर यह छूट मांगी है। जिससे कि रेड रोड के अलावा अन्य जोन में निर्माण के लिए लोगों को परेशानी न हो।

मॉनिटरिंग नहीं तो निर्माण लगातार बढ़ रहेयेलो और पिंक तो क्या रेड जोन में भी निर्माण लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी मॉनिटरिंग तक नहीं होती। यदि किसी ने बिना अनुमति निर्माण करवा लिया है तो निकाय अपने स्तर पर नोटिस देकर व शास्ति लगाकर उसको रेगुलाइज कर देते हैं, लेकिन वायुसेना स्तर पर इसकी जांच नहीं होती।

क्या चाहते हैं निकाय

- एयरोड्रोम का लेवल 217 मीटर है। ऐसे में रेड जोन में इससे कम ऊंचाई पर अनुमति की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।- एयरपोर्ट के चारो ओर रेड जोन में अधिकांश क्षेत्रों में निर्माण हो चुका है, अत: भूतलका निर्माण करने के लिए अनापत्ति की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।

- सक्षम स्तर से स्वीकृत मानचित्रों के अनुसार निर्मित भवनों के चारों ओर 50 मीटर की दूरी में स्थित भूखंड, जिनकी प्रस्तावित ऊंचाई संदर्भित निर्मित भवन से कम होने पर एनओसी की जरूरत नहीं होनी चाहिए।