
अगले 14 दिन भीलवाड़ा जैसा अनुशासन रखें तो हम जोधपुर को 'रेड' से बना सकते हैं 'ग्रीन' जोन
अविनाश केवलिया/जोधपुर. कोविड-19 की जंग में हमारे शहर की जनता शत-प्रतिशत कोरोना वॉरियर्स का साथ नहीं दे पा रही। पिछले कुछ दिन में शहर में तेजी से संक्रमितों की संख्या में बद्धि हुई। महाकफ्र्यू की नौबत आई। कुछ लोगों की नादानी के कारण शहर में 'हॉट स्पॉट' बन गए। 'रेड' जोन अब डराने लगा और यहां का संक्रमण आस-पास के मोहल्लों में भी फैल रहा है। वर्तमान में वॉलसिटी पूरी तरह से महाकफ्र्यू में कैद है। अब भी समय है यदि आज से हम शपथ लें भीलवाड़ा की तर्ज पर अनुशासित बनने का तो अगले 14 दिन में तस्वीर बदल सकती है।
यह गलतियां की : पहले 7 दिन हम रुके नहीं
शहर के भीतरी क्षेत्र में जब पहला मामला आया तो कफ्र्यू व सख्ती बरती गई। लेकिन इसके बाद शहर की जनता नहीं रुकी। किसी न किसी कारण से सड़कों पर कतारें, बैंक के बाहर लाइन, मोहल्लों में हथाई जारी रही। इसका खामियाजा यह हुआ कि पिछले सात दिन जो गुजरे हैं उसमें दहशत काफी हद तक बढ़ गई।
अब आगे क्या ::: प्रशासन की सख्ती व लोगों का संयम जरूरी
भीतरी शहर की सीमाएं सील हैं। लेकिन कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र में लोगों की आवाजाही बनी हुई है। हालांकि पुलिस ने मामले दर्ज करने, लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ड्रोन से निगरानी के जतन भी किए हैं। लेकिन इसके बावजूद लोग शत-प्रतिशत सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे हैं। अब घर व गलियों की दहलीज सील करनी होगी। प्रशासन एक हद तक सख्ती बरत सकता है। यदि लोग स्वयं जागरूक होकर अपने आप को संयमित रखें तो कुछ दिनों में तस्वीर बदल सकती है।
किससे सबक लें : भीलवाड़ा-पाली से लें सबक
भीलवाड़ा में जब एक साथ संक्रमितों का विस्फोट हुआ तो पूरे शहर में महाकफ्र्यू लगा दिया गया। नतीजा यह हुआ कि धीरे-धीरे पॉजीटिव आने बंद हो गए। पिछले कई दिनों से वहां पॉजीटिव मरीज नहीं आए हैं लेकिन फिर भी महाकफ्र्यू 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। पाली जिले के ढोला व लापोद गांव से एक-एक संक्रमित आया, लेकिन इसके बाद दोनों गांवों में इतनी सख्ती बरती गई थी एक ही मरीज पर चेन तोड़ दी गई। इसमें जनता की भूमिका भी बड़ी है।
Published on:
16 Apr 2020 01:00 pm
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