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बड़े नेताओं ने टिकट दिलाए, अब जिताने की भी जिम्मेदारी

-कई बड़े नेताओं के रिश्तेदार मैदान में -नेताओं के लिए 2023 का पूर्वाभ्यास साबित होंगे चुनाव

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बड़े नेताओं ने टिकट दिलाए, अब जिताने की भी जिम्मेदारी

बड़े नेताओं ने टिकट दिलाए, अब जिताने की भी जिम्मेदारी

जोधपुर। जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों में टिकट के बंटवारे में बड़े नेताओं की जमकर चली है। प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव के पूर्वाभ्यास के रूप में देखे जा रहे पंचायत चुनाव के परिणाम इन नेताओं की ग्रामीण क्षेत्र में पकड़ का पैमाना भी तय कर देंगे। नेताओं ने अपनी अनुशंसा पर जिन्हें टिकट दिलवाए हैं, उनको जिताने की जिम्मेदारी भी पूरी तरह से उन नेताओं पर ही होगी। एेसे में ये नेता अभी से अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

यह चुनाव कई विधायकों व पूर्व विधायकों के लिए भी परीक्षा की घड़ी है। हालांकि अधिकांश ने अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलवाए हैं, एेसे में देखना यह होगा कि चुनाव प्रचार में पूरे क्षेत्र का जिम्मा संभालते हैं या फिर सिर्फ अपने रिश्तेदारों के वार्ड तक ही सीमित रहते हैं।

पूर्व विधायक-पूर्व सांसद सक्रिय
वर्तमान विधायकों ने अपनी बात पार्टी में मनवाई ही है। साथ ही कई पूर्व विधायकों ने भी अपने समर्थकों को टिकट दिलवाए हैं। कई क्षेत्रों में बडे नेताओं के दखल से असंतोष भी उभरा है। भोपालगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ और भाजपा से कमसा मेघवाल सक्रिय दिखे। लोहावट में पूर्व केबिनेट मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर, शेरगढ़ में पूर्व विधायक बाबूसिंह राठौड़ और ओसियां में भैराराम सियोल ने भी काफी सक्रियता दिखाई। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने अपने समर्थकों को टिकट दिलाए तो कई जगह उनका विरोध भी हुआ है।