
फाइल फोटो- पत्रिका
जोधपुर। राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह से दो दिन पहले महामंदिर थानान्तर्गत मानजी का हत्था क्षेत्र में एक दुकान के बाहर छात्रा को गोली लगने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। छात्रा को लगी गोली किसी देसी कट्टे या अवैध हथियार से नहीं, बल्कि सेना या अर्द्धसैनिक बल की इंसास राइफल से चली थी।
कारतूस की चंडीगढ़ स्थित एफएसएल से जांच कराने पर यह तथ्य सामने आया है। पुलिस का दावा है कि दुर्घटनावश किसी जवान के इंसास राइफल से गोली चली थी। हालांकि, पांच माह बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गोली किस जवान की राइफल से चली थी।
गत 13 अगस्त की देर शाम मानजी का हत्था में चाय की दुकान पर रामड़ावास गांव निवासी छात्रा रेणु अपनी सहेली के साथ खड़ी थी। एसआई परीक्षा की तैयारी कर रहीं दोनों छात्राएं कोचिंग से निकलने के बाद दुकान के बाहर खड़े होकर बिस्किट खा रही थीं। तभी अचानक गोली चली, जो पास खड़ी कार की बोनट से टकराकर रेणु की कुहनी में जा लगी। गोली का अगला हिस्सा कुहनी में फंस गया था। उसे तुरंत एमडीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां ऑपरेशन कर गोली निकाली गई।
पुलिस को शुरुआत में अंदेशा था कि गोली 7.62 एमएम की है, जो एसएलआर राइफल से निकलती है। गोली को जांच के लिए पहले स्थानीय एफएसएल भेजा गया, लेकिन वहां यह एसएलआर की नहीं पाई गई। इसके बाद गोली को चंडीगढ़ की एफएसएल भेजा गया, जहां जांच में सामने आया कि यह 5.56 एमएम की गोली है और इंसास राइफल से निकली थी।
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इंसास राइफल सरकारी अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को दी जाती है। यह राइफल मुख्य रूप से सीआरपीएफ, आरएसी, आईटीबीपी और सेना के जवानों के पास होती है। थानाधिकारी देवेंद्रसिंह देवड़ा का कहना है कि छात्रा को लगी गोली इंसास राइफल से निकली थी। संभवत: यह दुर्घटनावश चली थी। हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि गोली किस जवान की इंसास राइफल से चली थी।
Updated on:
29 Dec 2025 02:37 pm
Published on:
29 Dec 2025 02:35 pm
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