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कचरा निस्तारण के लिए जोधपुर में फिर से शुरू हो सकती है बायो माइनिंग, यूनाइटेड नेशन डवलपमेंट प्रोजेक्ट ने दिखाई रुचि

वर्तमान में जोधपुर शहर से जितना कचरा एकत्रित होता है उसे केरू साइट पर डम्पिंग यार्ड में डाला जाता है। करीब 10 साल पहले तक इस कचरे की बायो माइनिंग के जरिये डिस्पोजल होता था। लेकिन यह मशीन भी बंद पड़ी है। इसके बाद वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट भी लॉच किया गया, लेकिन वह धरातल पर नहीं आ पाया।

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bio mining will be started at jodhpur dumping yards

कचरा निस्तारण के लिए जोधपुर में फिर से शुरू हो सकती है बायो माइनिंग, यूनाइटेड नेशन डवलपमेंट प्रोजेक्ट ने दिखाई रुचि

अविनाश केवलिया/जोधपुर. हमारे शहर से प्रतिदिन निकलने वाले 650 टन कचरे के स्थाई निस्तारण के लिए एक बार फिर उम्मीद लगी है। करीब एक दशक पुरानी बायो माइनिंग प्रक्रिया को ही फिर से शुरू किया जा सकता है। हालांकि इस बार आधुनिक तकनीक अपनाने का दावा किया गया है। इसके लिए यूनाइटेड नेशन डवलपमेंट प्रोजेक्ट (यूएनडीपी) वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करवा सकता है। इसके लिए यूएनडीपी ने जोधपुर नगर निगम से सम्पर्क किया है। कुछ दिनों में दोनों संगठनों के प्रतिनिधियों की उच्च स्तरीय बैठक होगी। इसके बाद निर्णय किया जाएगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कार्यक्रम में अब तक जोधपुर कचरा निस्तारण प्रक्रिया में पिछड़ा है।

वर्तमान में जोधपुर शहर से जितना कचरा एकत्रित होता है उसे केरू साइट पर डम्पिंग यार्ड में डाला जाता है। करीब 10 साल पहले तक इस कचरे की बायो माइनिंग के जरिये डिस्पोजल होता था। लेकिन यह मशीन भी बंद पड़ी है। इसके बाद वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट भी लॉच किया गया, लेकिन वह धरातल पर नहीं आ पाया। राजस्थान पत्रिका ने ‘कचरे का पहाड़’ शीर्षकसे समाचार प्रकाशित कर इस मामले को उजागर किया था। इसके बाद कचरा निस्तारण के लिए नए प्रयास भी निगम ने शुरू किए हैं।

यूएनडीपी के भारत में कार्य
यूनाइटेड नेशन की ओर से पूरे विश्व में पर्यावरण संरक्षण व विकास कार्यों के लिए फंडिंग का काम किया जाता है। भारत में कई प्रोजेक्ट में यूएनडीपी ने फंडिंग की है। इसी के तहत जोधपुर नगर निगम के साथ यूएनडीपी ने कचरा निस्तारण के लिए एमओयू करने का प्रस्ताव रखा है।

जोधपुर में कचरा निस्तारण के अब तक प्रयास
- सबसे पहले बायो माइनिंग की मशीन लगी। जिससे कचरे से खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। चार साल चलने के बाद यह प्रक्रिया बंद हो गई।
- वेस्ट टू एनर्जी के लिए कंपनी के साथ एमओयू हुआ और जमीन भी आवंटित हो गई। लेकिन बिजली खरीद दरों को लेकर विवाद बना हुआ है। अभी तक यह प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं हुआ।
- गीला कचरा निस्तारण के लिए कैमिकल कम्पोस्टिंग अपनाने के लिए पिट्स तैयार किए गए। लेकिन अब तक शुरू नहीं हुआ है।

वेंगुरला है यूएनडीपी का मॉडल
देश के पश्चिमी तट पर महाराष्ट्र प्रदेश में एक छोटा सा शहर वेंगुरला कचरा निस्तारण का एक मॉडल है। इस शहर में कचरा निस्तारण चार प्रक्रिया से होता है। इसमें गीला कचरा, सूखा कचरा, प्लास्टिक कचरा और मेटल कचरा चार श्रेणियों में कचरे को पृथक किया जाता है। इसके बाद चारों का निस्तारण होता है। यूएनडीपी इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग भी करती है।

इनका कहना है...
यूएनडीपी के प्रपोजल पर अभी एक संयुक्त बैठक होनी है। इसकी बारीकियां समझने के बाद एमओयू किया जाएगा। जल्द ही इस पर निर्णय करेंगे।
- सुरेश कुमार ओला, आयुक्त, नगर निगम जोधपुर