
पाक खुफिया एजेंसी की हरकतों से निपटने को बीएसएफ तैयार, नए मॉडयूल से प्रशिक्षित होंगे कमाण्डो
जोधपुर. पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा से पिछले कुछ समय से नए तरीके से आतंकवादियों की घुसपैठ और मादक पदार्थों की तस्करी के चलते देश की प्रथम सुरक्षा पंक्ति सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपने प्रशिक्षण मॉड्यूल में बदलाव किया है। बीएसएफ के कमांडोज को अब नए मॉड्यूल के अंतर्गत प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि बॉर्डर के पास टनल से घुसपैठ करने, ड्रोन से हथियार गिराने, यूएवी से जासूसी करने और मादक पदार्थ भेजने जैसे नए तरीकों से निपटने में मदद मिलेगी।
जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर आर्मी की ओर से सख्ती बरतने से पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के मंसूबों पर लगातार पानी फिरता जा रहा है, जिसके कारण आईएसआई अब जम्मू और राजस्थान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के सहारे आतंकवादियों की घुसपैठ और मादक पदार्थों की बड़ी मात्रा में तस्करी करवा रही है। श्रीगंगानगर बॉर्डर के पास पिछले दिनों तारबंदी के आसपास घुसपैठ के २-३ मामले सामने आए जिसका बीएसएफ के जवानों ने मुंह तोड़ उत्तर भी दिया था। बीएसएफ ने अब अपने बैटल ऑब्सटेक्ल असाल्ट कोर्स (बीओएसी) में कुछ बदलाव किया है जिससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता उच्च स्तर की हो जाएगी।
कमांडो को यह सिखाया जाता है बीओएसी में
बीएसएफ के द्वारा बीओएसी प्रशिक्षण रेजीम के जरिए कमांडो को 26 तरह के मुश्किल हालातों से निपटना सिखाया जाता है। इसमें रेंजर स्विंग, स्पाइडरवेब, पैरेलल रोल, पेट्रोलियम टॉवर्स, टाइगर लीप, बरमा ब्रिज, टार्जन स्विंग और सक्सेसिव ड्रॉप आर्टिफिशियल वॉल क्लाइंबिंग, प्रीफिक्स नॉटेड झूमर क्लाइमिंग, सीट रेपलिंग, फ्री रेपलिंग, केजुएलिटी इवेक्युशन रेपलिंग और टीम स्लिथरिंग जैसे प्रशिक्षण मिलते हैं। कमांडो को इनमें दक्ष करके बॉर्डर के संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जाता है।
3 हजार किलोमीटर से अधिक अंतरराष्ट्रीय सीमा
भारत की पाकिस्तान के साथ 3323 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है। बांग्लादेश के साथ सर्वाधिक 40९6 किलोमीटर सीमा है। दोनों ही देशों के बॉर्डर की सुरक्षा के लिए बीएसएफ के पास करीब २.५० लाख की नफरी है।
Published on:
18 Mar 2021 06:21 pm
बड़ी खबरें
View Allजोधपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
