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अब बीएसएफ के जवान देंगे बॉर्डर में टिड्डी दल की घुसपैठ, एयरफोर्स करेगा हेलीकॉप्टर व ड्रोन से स्प्रे

एलडब्ल्यूओ मल्टीपरपज ड्रोन खरीदने जा रही है, जिसको एयरफोर्स की सहायता से टिड्डी दल की पहचान व स्प्रे के लिए उड़ाया जाएगा। टिड्डी हमेशा अफ्रीकी व खाड़ी देशों से पाकिस्तान पार करतेहुए राजस्थान-पंजाब की सीमा से भारत में प्रवेश करती है।

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BSF jawans will give information about locust attack on indian borders

अब बीएसएफ के जवान देंगे बॉर्डर में टिड्डी दल की घुसपैठ, एयरफोर्स करेगा हेलीकॉप्टर व ड्रोन से स्प्रे

गजेन्द्र सिंह दहिया/जोधपुर. दक्षिण एशिया में 26 साल बाद हुए टिड्डी हमले में राजस्थान में फसलों को भारी नुकसान और पाकिस्तान के असहयोगात्मक रवैए को देखते हुए केंद्र सरकार इस बार टिड्डी हमले के लिए कॉम्बेट स्ट्रेटजी बना रही है। इसके अंतर्गत आर्मी, एयरफोर्स और बीएसएफ की मदद ली जाएगी। आर्मी अपने हेलीकॉप्टर जोधपुर स्थित टिड्डी चेतावनी संगठन (एलडब्ल्यूओ) को देगी, जिस पर माउंटेड स्प्रेयर लगाकार टिड्डी का पीछा कर पेस्टीसाइड छिडक़ा जाएगा।

एलडब्ल्यूओ मल्टीपरपज ड्रोन खरीदने जा रही है, जिसको एयरफोर्स की सहायता से टिड्डी दल की पहचान व स्प्रे के लिए उड़ाया जाएगा। टिड्डी हमेशा अफ्रीकी व खाड़ी देशों से पाकिस्तान पार करतेहुए राजस्थान-पंजाब की सीमा से भारत में प्रवेश करती है। बॉर्डर पर स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की चौकियां टिड्डी दल के आगमन व दल के आकार की सूचनाएं देगी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने 55 बोलेरो कैंपर गाड़ी खरीद के लिए टैंडर किए हैं।

साथ ही कैंपर पर लगाने के लिए इतने ही माउंटेड स्प्रेयर खरीदे जाएंगे। एलडब्ल्यूओ के पास पहले से ही 30 गाड़ी उपलब्ध हैं। ऐसे में क्षमता बढऩे से कुछ ही देर में टिड्डी आक्रमण स्थल पर पहुंचकर उनको मारा जा सकेगा। इसके अलावा एलडब्ल्यूओ की टीम राजस्थान, गुजरात और पंजाब में जिला स्तर और ब्लॉक स्तर पर किसानों व सरकारी अधिकारियों को प्रशिक्षण देगी। यह प्रशिक्षण मार्च-अप्रेल में होगा।

डीआरडीओ कर रही रिसर्च
जोधपुर स्थित रक्षा प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों ने भी टिड्डी हमला, उनके व्यवहार और नियंत्रण पर रिसर्च करने में रुचि दिखाई है। वहां वैज्ञानिक 26 साल बाद हुए टिड्डी हमले को समझने और इसे रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं।

पाक के साथ 6 बैठकें, नतीजा सिफर
संयुक्त राष्ट्र के कृषि एवं खाद्य संगठन के बैनर तले पिछले साल भारत और पाकिस्तान के टिड्डी नियंत्रण अधिकारियों के मध्य जून 2018 से लेकर दिसम्बर 2018 के मध्य 6 बैठकें हुई। अक्टूबर की बैठक पाक ने खुद रद्द कर दी। उसने भारत के अधिकारियों के लिए सीमा पर स्थित द्वार नहीं खोला। भारत सरकार के अधिकारियों के मुताबिक इन छह बैठकों में नतीजा सिफर रहा। पाकिस्तान केवल टिड्डी नहीं होने का बहाना बनाता रहा, जबकि फरवरी तक पाक की ओर से भारत में टिड्डी आती रही।

फिलहाल टिड्डी खत्म
हाल ही में रोम स्थित खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से जारी ताजा बुलेटिन के अनुसार भारत में टिड्डी समाप्त हो गई है। पाकिस्तान के पंजाब, सिंध व ब्लूचिस्तान पर कुछ एडल्ट ग्रुप जरुर है। भारत में टिड्डी करीब 9 महीने रही थी।

इस साल अपे्रल-मई तक आएगी टिड्डी
पिछले साल भारत में 21 मई 2018 को पहली बार टिड्डी जैसलमेर में दिखाई दी जो फरवरी 2019 तक रही। भारत व पाकिस्तान में टिड्डी समर ब्रीडिंग करती है। वर्तमान में वह पूर्वी अफ्रीकी देशों इथोपिया, केन्या, सोमालिया, इरिट्रिया और लाल सागर के दोनों और बसे देशों यूएई, कतर, बहरीन, कुर्वत, ईरान, यमन और ओमान में विंटर ब्रीडिंग के बाद स्प्रिंग बीडिंग की तैयारी कर रही है। अप्रेल शुरू होते ही टिड्डी ईरान से पाकिस्तान होते हुए भारत की ओर रुख करेगी।

टिड्डी के आने की आशंका
पूर्वी अफ्रीकी देशों और खाड़ी देशों में बड़ी संख्या में टिड्डी की मौजूद है। ऐसे में इस साल अप्रेल-मई में टिड्डी के दुबारा आने की आशंका है। हम भी टिड्डी से निपटने के लिए विभिन्न स्तर पर तैयारी कर रहे हैं।
- डॉ. केएल गुर्जर, उप निदेशक, टिड्डी चेतावनी संगठन


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