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Success Story: कोरोना काल में रुक गई पढ़ाई, फिर दो बहनों ने खेती में किया ऐसा कमाल, अब कमा रही हैं लाखों रुपए

देणोक क्षेत्र में कसूरी मेथी की खेती ने दो बहनों संगीता और ममता की जिंदगी बदल दी है। कोरोना काल में पढ़ाई रुकने के बाद दोनों अब परिवार के साथ मिलकर लाखों की आमदनी अर्जित कर रही हैं।

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खेत में परिवार के साथ दोनों बहनें। फोटो- पत्रिका

देणोक। कोरोना काल में 12वीं की परीक्षा देने के बाद आगे की पढ़ाई रुकने पर भी संगीता और ममता ने हिम्मत नहीं हारी। दोनों बहनें पिता बालूराम, बड़े भाई मुकेश और मां के साथ बोरूंदा से चैनपुरा पलीना आकर बंटाई पर खेती करने लगीं। शुरुआती साल में रबी-खरीफ की फसलों से केवल लागत और घर का खर्च निकल पाता था।

ऐसे में दोनों ने खेती में नवाचार करने का निर्णय लिया और नागौर की प्रसिद्ध कसूरी मेथी की बुवाई शुरू की। आज दोनों बहनें पिता और भाई के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं और कसूरी मेथी की खेती से लाखों रुपए की आमदनी कर परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं।

रकबा घटा तो भाव बढ़े

राजस्थान के नागौर जिले की नागौरी मेथी अपनी तीखी खुशबू और विशिष्ट स्वाद के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है। घर की रसोई से लेकर पांच सितारा होटलों तक इसकी मांग रहती है। अब यही कसूरी मेथी देणोक, चैनपुरा, मोरिया, पलीना, ईंदों का बास सहित आसपास के कई गांवों में बड़े पैमाने पर बोई जा रही है।

कृषि विभाग के अनुसार, इस बार पिछले कई सालों की तुलना में बुवाई का रकबा काफी कम रहा है। पिछले सीजन में कीमत अचानक गिर जाने के कारण किसानों का रुझान घटा। कम रकबे का सीधा असर कीमतों पर पड़ा और इस बार किसान सूखी मेथी 100 से 160 रुपए प्रति किलो तक बेच रहे हैं।

एक फसल, दस कटिंग, हर बार मुनाफा

किसानों के अनुसार कसूरी मेथी की बुवाई अक्टूबर-नवंबर के शुरुआती दिनों में की जाती है। बुवाई के कुछ समय बाद कटिंग शुरू हो जाती है। कटाई के बाद पत्तों को सूखाकर नागौर मंडी में बेचा जाता है। किसान बताते हैं कि इस फसल की लगभग दस कटिंग ली जा सकती है। अंतिम कटिंग में निकले अंकुरित बीज को संग्रहित कर अगली बुवाई में उपयोग कर लिया जाता है। इससे लागत कम आती है और मुनाफा अधिक मिलता है।

कोरोना के दौरान 12वीं के बाद पढ़ाई छूट गई। स्कूल नहीं जा पाए तो घरवालों के साथ खेती में रुचि ली। अब अच्छी पैदावार से घर का खर्च आसानी से निकल जाता है और बचत भी हो रही है।

  • संगीता माली, किसान

हमारी छोटी बहनों ने हमें भी प्रेरित किया। दोनों खेती के हर काम में सबसे आगे रहती हैं और मेहनत से कमाई बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

  • मुकेश माली, किसान

मेरे खेत पर बंटाई से खेती कर रहे इन किसानों ने कसूरी मेथी की बुवाई कर बेहतरीन पैदावार ली है। पहले यहां के लोगों को इस खेती की जानकारी कम थी, लेकिन इन्होंने कामयाबी का उदाहरण प्रस्तुत कर दूसरों को भी प्रेरित किया है।

  • चतर सिंह भाटी, खेत मालिक