– सेमेस्टर विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत अंक पूर्ववर्ती सेमेस्टर और 50 प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन से मिलेंगे।
– स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को 10वीं और 12वीं के औसत अंक के आधार पर अंक देने हैं।
– स्नातक द्वितीय वर्ष को प्रथम वर्ष के आधार पर और साथ ही 5 प्रतिशत बोनस अंक मिलेंगे।
– स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध के विद्यार्थियों को असाइनमेंट वर्क के आधार पर अंक दे सकते हैं।
– स्नातक व स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष को लेकर कोई खास निर्णय नहीं।
– विधि संकाय को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम मान्य होंगे। बार ने अभी तक गाइडलाइन नहीं दी है।
– एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम व प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम की परीक्षा होगी।
– इंजीनियरिंग, फार्मेसी, ऑनर्स परीक्षाओं को लेकर गाइडलाइन में कुछ भी नहीं।
– विवि व महाविद्यालयों को कठिनाई होने पर वे यूजीसी की गाइडलाइन का सहारा ले सकेंगे।
– प्रमोट से असंतुष्ट विद्यार्थियों के लिए सामान्य स्थिति होने पर अंक सुधार के लिए परीक्षा विकल्प खुला रखा गया है।
– ये नियम सभी नियमित, स्वयंपाठी और पूर्व छात्रों पर लागू होंगे।