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चिंता : सीमित ऑक्सीजन में बैड बढ़ाना असंभव, राहत : अस्पताल एडमिशन संख्या का ग्राफ नहीं बढ़ा

- अगले 15 दिन सख्ती कर संक्रमण चेन तोडऩे पर फोकस - दो दिन बाद तीन ऑक्सीजन प्लांट की मशीनरी के जोधपुर पहुंचने की उम्मीद  

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चिंता : सीमित ऑक्सीजन में बैड बढ़ाना असंभव, राहत : अस्पताल एडमिशन संख्या का ग्राफ नहीं बढ़ा

चिंता : सीमित ऑक्सीजन में बैड बढ़ाना असंभव, राहत : अस्पताल एडमिशन संख्या का ग्राफ नहीं बढ़ा

जोधपुर।
ऑक्सीजन उपलब्धता सीमित होने से बैड बढ़ाना भी सीमित हो गया है। संक्रमित ऐसे व्यक्ति जिनको सिर्फ ऑक्सीजन की ही आवश्यकता है उनके लिए जो विस्तार किया जाना था, वह हो चुका। अब ऑक्सीजन उपलब्धता नहीं बढऩे तक अतिरिक्त बैड भी नहीं बढ़ सकते जो कि प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गया है। लेकिन इस बीच राहत की बात यह है कि पिछले कुछ दिन में संक्रमितों की संख्या का ग्राफ स्टेबल है। यानि 2 हजार के आस-पास ही संक्रमित सामने आ रहे हैं, पॉजीटिव रेट भी 30 से 35 प्रतिशत के आस-पास है।

चिंता कुछ ऐसी

- संक्रमितों की संख्या कम नहीं हो रही और एक्टिव केस लगातार बढ़ रहे
- मौतें कम नहीं हो पा रही

- होम आइसोलेशन की पूरी मॉनिटरिंग नहीं हो रही
- वर्तमान परिस्थिति में ऑक्सीजन बैड बढ़ाकर बड़ी राहत नहीं दे सकते

कुछ राहत ऐसी

अप्रेल माह के अंत तक प्रतिदिन अस्पताल पहुंचने वालों की संख्या बढ़ रही थी, यानि हर दिन पिछले दिन के मुकाबले ज्यादा लोग अस्पताल में दाखिल होने के लिए पहुंच रहे थे, लेकिन पिछले तीन-चार दिन में यह संख्या स्थिर है। यानि अब यदि 100 से 150 के बीच मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं तो यह संख्या लगातार स्थिर बनी हुई है।

कल आ सकती है तीन ऑक्सीजन प्लांट की मशीनरी
ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाना ही एकमात्र विकल्प रह गया है। ऐसे में शहर में तुरंत लगने वाले छोटे ऑक्सीजन प्लांट की की मशीनरी गुरुवार तक पहुंच सकती है। प्रारंभिक तौर पर इन्हें रेजीडेंसी अस्प्ताल, फलोदी, मंडोर अस्पताल या पावटा अस्पताल में स्थापित किया जा सकता है।

आगे फोकस इस पर ...

अब आगे 14 दिन रेड अलर्ट सख्ती पर फोकस रहेगा। किसी भी तरीके से संक्रमितों की संख्या को रिकवरी संख्या से नीचे लाना जरूरी है। जिस दिन एक्टिव केस घटने शुरू होंगे उस दिन हालात कुछ ठीक होने लगेंगे।

इनका कहना...
अगले 15 दिन की सख्ती पर ज्यादा फोकस है, संक्रमण चेन तोडऩा जरूरी है। इसबीच ऑक्सीजन प्लांट लगाकर क्षमता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ राहत के संकेत मिले हैं, लेकिन सजगता पूरी जरूरी है।

- इंद्रजीतसिंह, जिला कलक्टर, जोधपुर।