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लॉरेंस और आनंदपाल के इस कनेक्शन को जान हैरान रह जाएंगे आप, दिनोंदिन बढ़ रही दहशत

पंजाब-हरियाणा के बाद राजस्थान में भी जमाए पांव  

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जोधपुर . सूर्यनगरी में पिछले छह महीने से आमजन के लिए दहशत व पुलिस के लिए चुनौती बने पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का खतरा अब जोधपुर ही नहीं, बल्कि राजस्थान के अन्य जिलों पर भी मण्डराने लगा है। जोधपुर पुलिस की ढिलाई व छह महीने में भी गैंग को नियंत्रित नहीं कर पाने का परिणाम है कि अजमेर जेल में बंद रहने के दौरान लॉरेंस ने आनंदपाल सिंह गैंग से न सिर्फ हाथ मिला लिया, बल्कि उस पर कब्जा भी जमा लिया। इसे न सिर्फ पुलिस, बल्कि एसओजी भी खतरे की घंटी मान रही है।

एनकाउंटर से राहत की सांस लेने के बाद नींद उड़ी


लम्बे समय तक फरार रहने के बाद गत महीने राजस्थान पुलिस व एसओजी ने चूरू के पास राज्य के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह को एनकाउंटर में मार गिराया था। तब पुलिस ने राहत की सांस ली थी, लेकिन लॉरेंस से एसओजी के सामने फिर से चुनौती खड़ी हो गई है। गत २१ जून को जोधपुर से अजमेर की हाई सिक्योरिटी घूघरा घाटी जेल भेजे गए लॉरेंस व आनंदपाल सिंह गैंग के सुभाष मूण्ड के हाथ मिलाने से चिंता बढ़ गई है। सूत्रों की मानें तो लॉरेंस ने आनंदपाल सिंह गैंग पर कब्जा जमा लिया है।

तीन महीने में दो हत्या


अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद लॉरेंस ने अन्य कैदी व बंदियों को अपने प्रभाव में ले लिया है। असमें सुभाष मूंड भी शामिल है। सुभाष के इशारे पर ही लॉरेंस ने २३ अगस्त को सीकर में पूर्व सरपंच सरदार राव की हत्या की थी। फिर १७ सितम्बर को जोधपुर के सरदारपुरा सी रोड पर मोबाइल व्यवसायी वासुदेव इसरानी की हत्या करके भागे थे।

तीन राज्यों में फैलाया आतंक का नेटवर्क


पुलिस कमिश्नर अशोक राठौड़ का कहना है कि पंजाब व हरियाणा के बाद लॉरेंस ने अब राजस्थान को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। तीनों राज्यों में नेटवर्क बढ़ा रहे हैं। उसके गुर्गे एक-दूसरे के राज्यों व शहरों में मदद कर दहशत फैला रहे हैं। नेटवर्क को तोडऩे के लिए पुलिस अपने पूरे प्रयास कर रही है। राज्य की एसओजी ने भी जोधपुर पुलिस के प्रयासों की सराहना की है। हालांकि यह बात अलग है कि शूटर हरेन्द्र जाट व काली राजपूत अभी तक पकड़े नहीं जा सके हैं।