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कोविड-19 वार्ड में जाने से पहले नर्सिंग ने देशभक्ति के गीतों पर नृत्य कर भरा जोश

कोविड-19 में सेवा देने वाले नर्सेज के नए बैच ने गुरुवार को वार्ड में जाने से पहले मथुरादास माथुर अस्पताल के सुपरस्पेशलिएटी विंग के ग्राउंड फ्लोर पर देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों पर नृत्य कर खुद में जोश भरा। इसके बाद सभी नर्सेज ने कोरोना वार्डों में सेवा का मोर्चा संभाला।

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corona warriors nurses dance on Patriotic songs in jodhpur

कोविड-19 वार्ड में जाने से पहले नर्सिंग ने देशभक्ति के गीतों पर नृत्य कर भरा जोश

वीडियो : अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. कोविड-19 में सेवा देने वाले नर्सेज के नए बैच ने गुरुवार को वार्ड में जाने से पहले मथुरादास माथुर अस्पताल के सुपरस्पेशलिएटी विंग के ग्राउंड फ्लोर पर देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों पर नृत्य कर खुद में जोश भरा। इसके बाद सभी नर्सेज ने कोरोना वार्डों में सेवा का मोर्चा संभाला। इस दौरान नटवर भार्गव, मुरलीधर परिहार, सुमेरसिंह राजपुरोहित, मुकेश चौधरी, सुनील राठौड़, चेनाराम चौधरी, घमंडाराम चौधरी, लक्ष्मी भादू, शिखा सोलंकी, अंजू गुरलिया, मंजू चौधरी, महेन्द्र सिरवी, राकेश कुमार, अनिल भारद्वाज सहित अन्य नर्सेज मौजूद थे।

दादी सास का अंतिम संस्कार कर ड्यूटी पर लौटी महिला सिपाही
नागौरी गेट थाने की महिला कांस्टेबल अनीता अपनी दादी सास के निधन के बाद भी कोरोना संक्रमण के लिहाज से रेड जोन में कत्र्तव्य का निर्वहन कर रही हैं। कांस्टेबल अनीता भारती ने बताया कि गत 3 फरवरी को दादी ससुर का निधन होने के बाद सदमे की वजह से अस्सी वर्षीय दादी सास बीमार हो गए थे। घरवालों ने तीन महीने तक सेवा की, लेकिन वो दुबारा स्वस्थ्य नहीं हो सकीं और मंगलवार सुबह तीन बजे दादी सास का निधन हो गया। कोरोना महामारी को लेकर अपनाई जाने वाली सावधानियों के बीच घरवालों ने उनका अंतिम संस्कार किया। सामाजिक रीति-रिवाज पूर्ण करने के बाद कांस्टेबल अनीता शाम को थाने में ड्यूटी पर पहुंच गई और कत्र्तव्य का निर्वहन किया। थानाधिकारी जब्बरसिंह का कहना है कि दादी सास के निधन पर उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर कांस्टेबल अनीता घर गई थी। दादी सास के अंतिम संस्कार व दर्शन कर वह ड्यूटी पर थाने लौट आईं। वह थाने में बतौर कम्प्यूटर ऑपरेटर कत्र्तव्य का निर्वहन कर रही है।

घर से दूर डॉक्टर वीडियो कॉल पर साझा कर रहे खुशी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय के तहत रैपिड रेस्पांस टीम में शामिल डॉ.आदम सिसोदिया पिछले बीस दिन से न तो घर जा पाएं हैं और न ही घरवालों से मिल सके हैं। कोरोना ड्यूटी के बीच समय निकालकर वो मोबाइल पर वीडियो कॉल कर परिवार व बच्चों से खुशी के पल साझा कर रहे हैं। सोजती गेट के भीतर परकोटे के कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्र निवासी डॉ.आदम सिसोदिया बीस दिन से घरवालों से दूर हैं। रैेपिड रेस्पांस टीम के सदस्य की हैसियत से वो स्क्रीनिंग व सैंपलिंग कर रहे हैं। उनके लिए सीएमचओ कार्यालय की ओर से रहने की व्यवस्था की गई है। रमजान होने से घरवाले शुरूआत में कुछ आशंकित थे, लेकिन अब सभी संतुष्ट हैं। डॉ.आदम का कहना है कि महामारी के दौर में शहर व शहरवासियों को बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

वीरान भवन को कोरोना से लडऩे का केन्द्र बनाया
चारों और फैली गंदगी और दीवारों से लटकते बड़े-बड़े मधुमक्खियों के छत्ते। ऐसी भयावह जगह को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करने में साहसी युवा अधिकारी की बड़ी भूमिका रही। बोरानाड़ा जिस भवन में यह सेंटर शुरू हुआ है वहां सफाई व बिजली जैसी सुविधाओं के साथ मधुमक्खियों के दस से अधिक बड़े-बड़े छत्तों को हटाना बड़ी चुनौती थी। कई प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बीच नायब तहसीलदार रवि शेखर चौधरी ने साहस दिखाया और दस्ताने व हेलमेट पहनकर मधुमक्खियों के छतों को हटाने का काम चालू कर दिया। फायर ब्रिगेड वाहन से खुद ही भारी पाइप लेकर प्रत्येक मंजिल पर पहुंच गए। अकेले ही सारे छत्तों को हटाने का काम पूरा कर दिया। इसके बाद यहां पेस्टीसाइड का छिड़काव करवाया। जिससे आने वाले समय में पुन: यह समस्या न आए। इस सेंटर में अब 300 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।