
जोधपुर। जोधपुर संभाग में 115 छोटे बड़े बांध हैं। पिछले साल मानसून के बाद 28 बांध लबालब हुए थे, लेकिन इस बाद चक्रवाती तूफान बिपरजॉय ने 40 बांधों को मानसून से पहले ही भर दिया। इसमें जालोर के छह, पाली के 18 और सिरोही के 16 बांध शामिल है। इन बांधों से पानी अब छोटे बांध और नदी-नालों में जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक यदि मानसून में भी अच्छी बारिश होती है तो अन्य बांधों में भी पानी की आवक होगी और इसका सीधा फायदा किसानों को होगा।
बिपरजॉय की वजह से सर्वाधिक बारिश बाड़मेर, जालोर, पाली और सिरोही जिलों में हुई, लेकिन बाड़मेर में जल संसाधन विभाग का एक भी बांध नहीं है। संभाग के सबसे बड़े जवाई बांध में भी पानी की अच्छी खासी आवक हुई है और लगातार पानी की आवक जारी है। बांध अब तक 39.7 प्रतिशत भर चुका है। दूसरी तरफ 24 बांध ऐसे हैं, जिसमें एक बूंद भी पानी नहीं है।
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केवल 3 बांध के है गेट
संभाग के 115 में से केवल तीन बांध पाली के जवाई, जालोर के जैतपुरा और सिरोही के सुकली सेलवाड़ा बांध में ही गेट बने हुए हैं जो पूरा भरने पर खोले जाते हैं। शेष बांधों का संबंध नदी-नालों से है। जोधपुर जिले में 4 छोटे और एक मध्यम स्तर का बांध है। बिलाड़ा स्थित जसवंत सागर बांध अपनी क्षमता का 33 प्रतिशत भरा हुआ है। सुरपुरा, बीसलपुर, जालीवाड़ा और भाकरी बांध खाली पड़े हैं।
संभाग के ये बांध हुए लबालब
1. जालोर- वणसर, खेड़ा सुमेरगढ़, आकोली, बांकली, चावरचा, बाण्डी सेणधरा।
2. पाली- तख्तगढ़, दांतीवाड़ा, मूठाना, घोड़ादड़ा, सेली की नाल, शिवनाथ सागर, लाटाड़ा, हरिओम सागर, लूना मालारी, फुटिया, सेवाड़ी, पीपला, घणी, बलवाना, गलदरा, दुजाना, खिवांदी बांकली, एकली, सादड़ी।
3. सिरोही- बालोरिया, बागेरी,गिरवर, मण्डार नाला, चिनार, वाजना, गंगाजली, महादेव नाला, कैर, सरूपसागर, माण्डवाड़ा, वासा, टोकरा, भूला, बूटरी।
Published on:
20 Jun 2023 09:03 am
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