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बनाड़ कैंट रेलवे स्टेशन पर अब मिलेगी यह सुविधा, जेडीए ने शुरू की है कवायद

जोधपुर के राइकाबाग और बनाड़ रेलवे स्टेशन के बीच करीब 10 साल पहले कैंट स्टेशन बन कर तैयार हुआ। रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म हैं, गाडिय़ां भी रुकती हैं लेकिन स्टेशन से 30 फीट दूर मुख्य सडक़ तक पहुंचने के लिए सुगम मार्ग नहीं दिया गया। लोग स्टेशन तक एक निजी खातेदार की मर्जी से ही आ-जा सकते हैं।

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development of roads and facilities at jodhpur cantt railway station

बनाड़ कैंट रेलवे स्टेशन पर अब मिलेगी यह सुविधा, जेडीए ने शुरू की है कवायद

अमित दवे/जोधपुर. जोधपुर के राइकाबाग और बनाड़ रेलवे स्टेशन के बीच करीब 10 साल पहले कैंट स्टेशन बन कर तैयार हुआ। रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म हैं, गाडिय़ां भी रुकती हैं लेकिन स्टेशन से 30 फीट दूर मुख्य सडक़ तक पहुंचने के लिए सुगम मार्ग नहीं दिया गया। लोग स्टेशन तक एक निजी खातेदार की मर्जी से ही आ-जा सकते हैं। इस स्टेशन से सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि एप्रोच सडक़ के जरिए स्टेशन से हाइवे तक पहुंचने के लिए यात्रियों को आधा किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता है।

अब इस क्षेत्र के रहवासियों को मुख्य मार्ग व दरवाजे की सौगात जल्द मिलने वाली है। इसके लिए जेडीए ने भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्टेशन में आने-जाने के लिए दरवाजा नहीं है। पूर्व में रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के सामने से मुख्य सडक़ तक 80 फीट चौड़ी सडक़ निर्माण का प्रस्ताव था। लेकिन भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए स्टेशन के मुख्य द्वार के लिए अब 80 फीट से बढ़ाकर 200 फीट चौड़ी सडक़ बनाई जाएगी। जोधपुर विकास प्राधिकरण के सचिव हरभान मीणा ने बताया कि जेडीए की ओर से कैंट स्टेशन के द्वार तक सडक़ के लिए नांदड़ी गांव के खसरा संख्या 10 की निजी खातेदारी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।

यह है स्टेशन का इतिहास
- स्टेशन करीब 10 साल पहले बना था।
- तीन साल पहले यहां ट्रेनों का ठहराव व रेलवे बुकिंग खिडक़ी थी।
- अभी जोधपुर-भोपाल एक्सप्रेस और जोधपुर-बिलाड़ा सवारी गाड़ी का प्रतिदिन ठहराव है।

दो तरीके आने-जाने के
1- प्लेटफ ार्म व टिकट खिडक़ी के समीप ही एक छोटा सा ढाई फ ीट चौड़ा व पांच फ ीट ऊंचाई का दरवाजा है। यह दरवाजा निजी सम्पत्ति में खुलता है। ऐसे में किसी व्यापारी की सहमति से यह रास्ता चल रहा है।
2- प्लेटफ ार्म के सहारे ही करीब आधा किलोमीटर एप्रोच रोड से होकर रेलवे पटरी पार कर मुख्य सडक़ तक जाना होता है।

नांदड़ी विकास समिति ने किए प्रयास
कैंट स्टेशन के द्वार और एप्रोच रोड के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए नांदड़ी विकास समिति के नवलसिंह जोधा, श्याम नरुका, भंवर चारण, रुबीना खान, जमील खान, दिनेश राजपुरोहित, रामदयाल डूडी, शंकर चौधरी, भागीरथ विश्नोई, ओम वैष्णव व अन्य ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया। इनका कहना है कि स्टेशन का दरवाजा बन जाने से नांदडी, नांदडी खोखरिया, सारण नगर, डिगाड़ी, बीजेएस, गुजराबास आदि आसपास के क्षेत्रों के लाखों लोगों को सुविधा होगी।

मिलेगी राहत
कैंट रेलवे स्टेशन पर मुख्य द्वार बन जाने से यात्रियों को राहत होगी। रेलवे प्रशासन वहां यात्रियों के लिए सुविधा विकसित कर सकेगा।
- गोपाल शर्मा, जनसम्पर्क अधिकारी, जोधपुर मंडल