
जोधपुर।
भाारत-पाक बॉर्डर पर जल्द ही सेना की पावर डबल होगी। बोफोर्स (Bofors) के साथ पहली स्वदेशी धनुष तोप (Dhanush Artillery) तैनात होने से मारक क्षमता बढ़ेगी। ये बोफोर्स से कहीं अधिक शक्तिशाली होने के साथ ही अंदर तक मार करने में सक्षम है। राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर और श्रीगंगानगर बॉर्डर के साथ जम्मू कश्मीर व ऊंचे इलाकों में तोप की तैनाती की जाएगी। आर्मी को 6 तोप मिल चुकी हैं। चार दिन पहले ही रक्षा मंत्रालय ने आयुध निर्माण बोर्ड को 114 धनुष तोप तैयार करने का ऑर्डर दिया है। कानपुर में विकसित इस तोप का पहली बार रक्षा मंत्रालय ने बल्क ऑर्डर दिया है। सेना को कुल 414 धनुष तोपें मिलेंगी। इसके तहत पहले बैच में 114 तोप शामिल हैं। धनुष भारत की पहली लंबी दूरी की स्वदेशी तोप (Dhanush Artillery Gun Range) है। पिछले साल जून में राजस्थान के पोकरण में इसका आखिरी परीक्षण किया गया था।
जानिए धनुष तोप (Dhanush Artillery Gun Specifications)
38 किमी दूरी तक मारक क्षमता
30 सैकेण्ड में तीन राउण्ड फायर
3 से 70 डिग्री तक घुमाव
13 टन है तोप का वजन
16 करोड़ तोप की कीमत
81 फीसदी कलपुर्जे स्वदेशी
विदेशी से स्वदेशी तक
1987 में बोफोर्स तोप सेना
में शामिल हुई
2012 में ही धनुष का पहला प्रोटोटाइप बनाया
12 प्रोटोटाइप अब तक तैयार
6 तोप अब तक आर्मी में शामिल
32 साल पहले आई थी अंतिम तोप
सेना को 1987 में स्वीडन से बोफोर्स मिली थी। खरीद विवाद के बाद सेना ने कोई नई तोप नहीं खरीदी। हाल ही में के-9 थंडर वज्र के लिए कोरिया से करार हुआ है। पहली स्वदेशी तोप धनुष और दूसरी सारंग है। तीन सौ सारंग तोप का ऑर्डर पिछले दिनों ही आयुध निर्माण बोर्ड को मिल चुका है।
Published on:
25 Feb 2019 09:59 am
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