जोधपुर. जोधपुर डिस्कॉम में निजीकरण के विरोध में और सीपीएफ कटौती बंद कर जीपीएफ कटौती शुरू करने की मांग को लेकर डिस्कॉम कर्मचारी सड़क पर उतरे। जोधपुर डिस्कॉम संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले शास्त्री सर्कल स्थित गेस्ट हाउस में सभा हुई। इसमें संभाग सहित 10 जिलों के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। सभा को संबोधित करते हुए धर्मेन्द्र सांखला ने कहा कि निजीकरण न केवल कर्मचारियों बल्कि जनता के लिए भी बर्बादी का निर्णय है।
मंत्रालयिक कर्मचारी संघ से मुकेश कटारिया ने कहा कि कम्पनी एक्ट की धारा 7 के तहत कर्मचारियों की नौकरी पर भी संकट आ सकता है। बेजोड़ संघ के उम्मेदराम ने कहा कि घाटा बताकर डिस्कॉम को निजी हाथों में देने की योजना है, जो कि गलत है। इंटक के हुकमचंद ने कहा कि निजीकरण के बाद जनता को मिलने वाली मुफ्त बिजली योजना पर भी संकट खड़ा हो सकता है। लेखा संघ के मनोज सैनी ने कहा कि सरकार ने पिछले एक साल से खरीद नहीं की है और नकारात्मक संदेश दे रही है। धरने को जगदीश दाधीच, प्रकाश सिंह, यशपाल चौधरी, सतीश राठौड़, जितेन्द्र शर्मा, विनोद सोनी, तेज प्रकाश चौधरी, डीके व्यास सहित अन्य कर्मचारी नेताओं ने संबोधित किया।
आंदोलन की चेतावनी
इसके बाद धरना स्थल से ही डिस्कॉम एमडी कार्यालय तक रैली निकाली गई। इसमें सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। यहां एमडी डॉ. भंवरलाल को ज्ञापन सौंपकर निजीकरण प्रक्रिया रोकने की मांग की गई। यहां कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी।