
शहर से लेकर गांवों तक रहेगा महिलाओं का राज, जिला प्रमुख पद भी महिला के लिए आरक्षित
जोधपुर। जोधपुर जिले में शहर से लेकर गांवों तक राजनीतिक राज महिलाओं का होने वाला है। शहर में दोनों नगर निगम की महापौर के तौर पर दोनों महिलाओं को कमान संभाले हुए १० माह का समय हो गया है और अब जिला प्रमुख के पद पर भी एक महिला का काबिज होना तय है। आरक्षण लॉटरी प्रक्रिया काफी पहले ही पूरी कर ली गई थी, लेकिन चुनाव घोषित होते ही जिले में महिला राजनीतिक समीकरण काफी तेज हो गए हैं। जिला प्रमुख का पद महिला के लिए आरक्षित है और साथ ही २१ में से १० पंचायत समिति प्रधान भी महिलाएं होगी। यह निर्धारण लॉटरी से दिसम्बर २०१९ में ही हो गया। लेकिन चुनाव नहीं होने के कारण इस पर मंथन भी नहीं हो सका। अब एक बार फिर से चेहरे तलाशने का काम शुरू हो गया है। जिला परिषद की ३७ सीटों में से १८ महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, लेकिन उम्मीद है कि इससे ज्यादा पदों पर भी महिलाआें को उतारा जा सकता है।
बढ़ेगा महिलाओं का दबदबा
- १० में से ४ महिला विधायक हैं जिले में
- २ नगर निगम की महापौर हैं महिलाएं
- अब जिला प्रमुख भी महिला ही होगी
- २१ में से १० प्रधान भी महिलाएं बनेगी
- ३७ में से १८ जिला परिषद सदस्य महिलाएं होंगी
जिला परिषद में कुछ एेसे होगा आरक्षण
सामान्य - १०, महिला - ११, कुल - २१
अनुसूचित जाति - ४, महिला - ३, कुल - ७
अनुसूचित जनजाति - १, महिला, ० - कुल - १
अन्य पिछड़ा वर्ग - ४, महिला - ४, कुल - ८
बड़े नेताओं के परिवार में तलाशे जा रहे महिला विकल्प
महिला नेतृत्व होने से एेसी सक्रिय महिलाओं पर दोनों ही प्रमुख पार्टियों की नजर तो है ही साथ ही बड़े नेताओं के परिवार में भी महिला नेतृत्व तलाशा जा रहा है। प्रमुख के साथ जिन पंचायत समिति स्तर पर प्रधान पद महिलााओं के लिए आरक्षित हैं, वहां भी महिला नेतृत्व की तलाश शुरू हो गई है। कांग्रेस-भाजपा के साथ इस बार तीसरे मोर्चे के रूप में आरएलपी भी ताल ठोक सकती है। जिले में १० में से एक विधायक आरएलपी पहले ही बना चुकी है।
कब-कब रही महिला जिला प्रमुख
- २००५ में अमिता चौधरी ने जिला प्रमुख के तौर पर काम किया, वे भाजपा से चुनाव जीत कर आई थी।
- २०१० में कांग्रेस से दुर्गा बलाई जिला प्रमुख चुनी गई।
Published on:
08 Aug 2021 12:31 pm
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