6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

धुंधले पानी में देख नहीं पा रहे गोताखोर, छू कर पता करना पड़ रहा हर चीज को

- तख्तसागर में मिट्टी, कचरा, चट्टानें और झाडि़यों के कारण सर्च ऑपरेशन में आ रही दिक्कत

2 min read
Google source verification
धुंधले पानी में देख नहीं पा रहे गोताखोर,  छू कर पता करना पड़ रहा हर चीज को

धुंधले पानी में देख नहीं पा रहे गोताखोर, छू कर पता करना पड़ रहा हर चीज को

जोधपुर. तख्तसागर का पानी धुंधला होने के कारण गोताखोरों को पानी के अंदर देखने में दिक्कत हो रही है। पानी के अंदर हर चीज को छूकर महसूस करना पड़ रहा है। रविवार को गोताखोरों ने अपनी बोट की संख्या बढ़ाने के साथ रात को भी सेना के कैप्टन की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन किया। लगातार चौथे दिन कैप्टन अंकित का कहीं पता नहीं चलने पर सेना भी चिंतित है। नेवी के मार्कोस कमाण्डो भी अब इसे चुनौती के तौर पर ले रहे हैं।

तख्तसागर में मिट्टी और कचरा अधिक होने के कारण पानी धुंधला है। इस कारण गोताखोर अधिक दूर तक देख नहीं पा रहे हैं। झील में जगह-जगह उभरी हुई चट्टानें होने और चिकनी मिट्टी के कारण आगे बढऩे में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। झाडिय़ों के कारण भी ऑपरेशन में परेशानी हो रही है। तख्तसागर में नेवी के मार्कोस कमांडो, आर्मी के गोताखोर, एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की टीमें बारी-बारी से जलाशय को खंगाल रही हैं। गोताखोरों का कहना है कि नदी और सागर का पानी साफ होता है। उसके कारण वे पानी में अधिक दूर तक देख सकते हैं। यहां चारों तरफ अंधेरा नजर आता है। इसके अलावा सर्दी का मौसम होने के कारण एक टीम निश्चित समय के लिए ही पानी के अंदर रह सकती है। सर्च ऑपरेशन में हर टीम बारी-बारी से झील के अंदर जाकर तलाश कर रही है।

माता-पिता और सास-ससुर की भी निगाहें
अंकित अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र है। अंकित के तख्त सागर में डूबने की सूचना मिलने पर उसके माता-पिता के साथ साथ ससुर भी पहुंच गए थे। अंकित की पत्नी के साथ चारों लगातार सर्च ऑपरेशन देख रहे हैं। जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है उनकी उम्मीदें धुंधली पड़ती जा रही है। चारों अंकित की पत्नी को ढाढस बंधा रहे हैं। अंकित (२८)गुडग़ांव का रहने वाला है और 3 साल पहले ही सेना में भर्ती हुआ है। उसकी शादी भी डेढ़ महीने पहले ही हुई थी।