
मंडोर सैटेलाइट अस्पताल : डॉ. टेवानी के बाद डॉ. आढ़ा ने भी पद संभालने से किया मना
जोधपुर. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज संबद्ध शिवराम नत्थुजी टाक मंडोर सैटेलाइट अस्पताल में मंगलवार को पीएमओ डॉ. राजेश टेवानी के पद से इस्तीफा देने के बाद अगले सीनियर डॉ. सुनील आढ़ा ने भी पीएमओ पद नहीं संभालने के लिए असमर्थता जताई है। डॉ. आढ़ा ने कहा कि वे अस्वस्थ है। इस कारण पीएमओ की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते।
डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एसएस राठौड़ ने ये पद डॉ. आढ़ा के बाद सीनियर चिकित्सक डॉ. देवेश जौहरी को संभालने के आदेश जारी किए। युवक कांग्रेस जिला सचिव लक्ष्मणसिंह सोलंकी ने कहा कि वे इस मामले को लेकर जिला कलक्टर से मिले। 27 बिंदुओं के पत्र पर जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन से ही अस्पताल का प्रभारी बनाया जाए।
उल्लेखनीय हैं कि तीन दिन पूर्व ही मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने मंडोर सैटेलाइट अस्पताल का निरीक्षण किया, इस दौरान क्षेत्र के लोगों ने पीएमओ बदलने की मांग की। इसके विपरीत निवर्तमान पीएमओ डॉ. राजेश टेवानी ने खुद ही पद से इस्तीफा दे दिया।
मंडोर सैटेलाइट अस्पताल पीएमओ डॉ. टेवानी ने दिया पद से इस्तीफा
शिवराम नत्थुजी टाक राजकीय चिकिसालय मंडोर के पीएमओ डॉ. राजेश टेवानी ने मंगलवार को डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। अस्पताल में गत सोमवार को क्षेत्र के कुछ लोगों ने डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एसएस राठौड़ के निरीक्षण के दौरान उन्हें उलाहना दी थी। लोगों ने अस्पताल पीएमओ बदलने की मांग रखी। इसके विपरीत डॉ. टेवानी ने मंगलवार को खुद ही अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी। इसके बाद प्रिंसिपल डॉ. एसएस राठौड़ ने डॉ. टेवानी के बाद दूसरे सीनियर को चार्ज देने के आदेश जारी कर दिए।
पत्रिका से बातचीत में डॉ. टेवानी ने बताया कि वे खुद भी लंबे समय से अस्पताल में प्रभारी का कार्य देख बीमार होने लग गए। ऐसे में वे खुद पीएमओ का कार्य देखने में असमर्थ है। प्रशाासनिक कार्य के चलते उनके मरीजों को भी अस्पताल में ढंग से नहीं देख पा रहे है। कई चिकित्सा कैंप भी प्रभावित हुए हैं। पद से हटने के बाद वे मरीजों की अच्छे से देखभाल कर पाएंगे।
उनके बाद ये चार्ज डॉ. सुनील आड़ा या नेत्र रोग चिकित्सक डॉ. देवेश जौहरी को मिल सकता है। युवक कांग्रेस के जिला सचिव लक्षमण सिंह सोलंकी ने बताया कि यह अस्पताल डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के अधीन है, ऐसे में यहां डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक शिक्षक ही व्यवस्थापक के रूप में लगाए जाने चाहिए। उनके आने से अस्पताल की मॉनिटरिंग ढंग से होगी।
Updated on:
26 Sept 2019 02:54 pm
Published on:
26 Sept 2019 02:53 pm
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