
एलिवेटेड रोड और हेरिटेज कॉरिडोर की डीपीआर होगी मर्ज
अविनाश केवलिया/जोधपुर। शहर के लिए दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जो एक ही मार्ग से होकर गुजरेंगे वहां की डीपीआर अब आपसी सामंजस्य से बनाने पर सहमति बनी है। दोनों प्रोजेक्ट पर अलग-अलग विभाग कार्य कर रहे हैं। एलिवेटेड रोड यहां केन्द्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्रालय का प्रोजेक्ट है तो वहीं हेरिटेड कॉरिडोर व लूपिंग सिस्टम राज्य सरकार जेडीए के जरिये पूरा करवा रही है।
क्या है हेरिटेज कॉरिडोर
रेलवे स्टेशन से राज रणछोड़ दास मंदिर और उसके बाद पुरी तिराहा तक हेरिटेज कॉरिडोर विकसित किया जाना है। इसमें लूपिंग सिस्टम जो कि यातायात का अनूठा प्रयोग है, वह भी उसी अनुरूप करेगा। इसके बाद इसमें सडक़ के दोनों ओर दुकानों, फुटपाथ, डिवाइडर और सडक़ को पर्यटन से लिहाज से विकसित किया जाएगा। इसका प्रस्तुतिकरण कुछ दिन पहले जेडीए की ओर से प्रसिद्ध आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया की टीम ने दिया था।
ऐसा होगा एलिवेटेड रोड
भदवासिया कृषि मंडी से शुरू होकर पावटा, जालोरी गेट, आखलिया सर्किल से कायलाना सर्किल तक एलिवेटेड रोड प्रस्तावित है। पहले प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट को ड्रॉप कर दिया था। इसके बाद परिवहन मंत्रालय ने इसकी अनुमति दे दी। करीब 9-10 किमी लम्बाई में बनने वाली यह सडक़ 11 सौ करोड़ से अधिक के बजट की है।
एक ही मार्ग पर हो प्रोजेक्ट
नई सडक़ से लेकर राज रणछोड़दास मार्ग पर एक साथ यह दोनों प्रोजेक्ट चलेंगे। ऐसे में अब दोनों एजेंसियों ने यह निर्णय किया है कि काम इस प्रकार से हो कि दोहरा बजट न लगे। ऐसे में संभव है कि इस हिस्से के हेरिटेज कॉरिडोर को एलिवेटेड रोड की डीपीआर बनाने वाली कंपनी को दे दिया जाए।
ताकि जनता का पैसा बच सके
यदि एलिवेटेड रोड धरातल पर आती है तो वह निश्चित रूप से पुरी तिराहा या रेलवे स्टेशन वाले मार्ग से निकलेगी। जेडीए आयुक्त कमर चौधरी के अनुसार इस पर चर्चा हुई थी। जनता पैसा व्यर्थ न लगे, इसलिए दोनों प्रोजेक्ट को इस हिस्से में मर्ज किया जा सकता है।
फैक्ट फाइल
- 100 करोड़ का प्रावधान किया गया था लूपिंग सिस्टम के लिए
- 3 टुकड़ो में हेरिटेज कॉरिडोर
- 11 सौ करोड़ से ज्यादा की एलिवेटेड रोड
- 10 किमी से अधिक हो सकती है लम्बाई
- 2 प्रोजेक्ट अभी डीपीआर के स्तर पर चल रहे
Published on:
27 Oct 2021 01:30 pm
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