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सुवेरी में आज भी हिमालय के मीठे पानी का इंतजार!

केंद्र में जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत का लोकसभा क्षेत्र होने व मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बाद ग्रामीणों को पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।

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सुवेरी में आज भी हिमालय के मीठे पानी का इंतजार!

सुवेरी में आज भी हिमालय के मीठे पानी का इंतजार!

पेयजल संकट

सुवेरी गांव में पानी की 21 जीएलआर वर्षों से सूखी!

ग्रामीणों ने कहा, नेता अधिकारी करते हैं अनसुना

बेलवा (जोधपुर). क्षेत्र के निम्बो का गांव ग्राम पंचायत के राजस्व ग्राम सुवेरी में आजादी से अब तक पीने का मीठा पानी मुहैया नहीं हो पाया है। ग्रामीण आज भी पेयजल के लिए दर दर भटक रहे है। केंद्र में जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत का लोकसभा क्षेत्र होने व मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बाद ग्रामीणों को पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।

ग्रामीण गर्मी में तपते धोरों के बीच से पेयजल के लिए लंबी दूरी तय करने को मजबूर है। सुवेरी के मेघवालों, सुथारों, देवासियों, जोगियों, चारणों, नाइयों, भीलों की करीब 250-300 ढाणियों में पेयजल संकट है। ग्रामीणों ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, स्थानीय विधायक, जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता को भी अवगत करवाया लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।

सूखी पड़ी है 21 जीएलआर

सुवेरी गांव में जलापूर्ति को लेकर ढाणियों में जीएलआर का निर्माण तो करवा दिया लेकिन अब पानी आपूर्ति नहीं होने से नकारा है। जिससे करोड़ों रुपए की सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग हो रहा है। सुवेरी के मेघवालों की ढाणियों में 5, सुथारों की ढाणियों में 2, हिंगलाज मंदिर 2, देवासियों की ढाणियों में 4, मालियों की ढाणियों में 1, देवराजों व नाइयों 1-1, केरली नाडी में 1, अजबार स्कूल में 1 सहित कई जगहों पर पानी की टंकियां सूखी है। ग्रामीणों के अनुसार कई बरसों से इसमें पानी नही पहुंचा है।

निजी टांके पर लगती है क़तारें

सुवेरी में पेयजल स्रोत नहीं होने से सुबह शाम पानी के लिए महिलाओं की भीड़ निजी टांके पर उमड़ती है। ग्रामीण रेवंतराम मेघवाल अपने निजी नलकूप से घड़े व घरेलू आवश्यकता का पानी भरवाते है। पानी के लिए महिलाओं को काफी इंतज़ार करना पड़ रहा है।

नहीं पहुंचा हिमालय का पानी

क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि पिछले समय से शेरगढ़ विधानसभा के सभी गांवों में हिमालय पेयजल योजना का मीठा पानी पहुंचने के दावे करते रहे है, लेकिन सुवेरी के बाशिन्दों को अब तक हिमालय पेयजल योजना की एक बून्द भी नसीब नहीं हो पाई है। गांव में बूस्टर हाउस तो है लेकिन उसमें जलापूर्ति नहीं रही है। ग्रामीणों के अनुसार इसको पाइपलाइन से नहीं जोड़ने का आरोप लगाया। हालांकि बीच में दर्जनों कनेक्शन होने से जलापूर्ति बाधित हैं।

इन्होंने कहा

घुड़ियाला गांव में पेयजल संकट को लेकर प्रकरण संज्ञान में आया है। विभाग के कनिष्ठ अभियंता को जलापूर्ति सुचारू करने के लिए निर्देशित किया है। भीषण पेयजल संकटग्रस्त ढाणियों में टैंकरों से जलापूर्ति करने के प्रयास किए जाएंगे।

जैतसिंह, अधिशासी अभियंता

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग बालेसर।