
सौरभ पुरोहित
Jodhpur News: जोधपुर शहर में मंगलवार को हुई तेज बारिश से 45 मिनट में ही पूरे शहर की सड़कें लबालब हो गईं, लेकिन सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। हालांकि अधिकारियों पर पिछले 10 सालों में जलभराव की समस्या को लेकर कोई फर्क पड़ा भी नहीं है। हर बार बारिश के सीजन में जगह-जगह जल भराव की समस्या होती है। प्रशासन, निगम, जेडीए और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सिर्फ दौरा करके अपने कार्य की इतिश्री कर लेते हैं, लेकिन मानसूनी सीजन में इस समस्या को भुगतान पड़ता है शहरवासियों को। हकीकत यह है कि दो बार ड्रेनेज सिस्टम की डीपीआर बन चुकी है। वर्ष 2016 में ड्रेनेज का मास्टर प्लान तक बनाया गया, लेकिन 8 साल बाद भी इसे लागू नहीं किया गया।
दरअसल, जोधपुर से ही तीन बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत, तीन बार सांसद रहे गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत और पिछले एक दशक से निगम में कांग्रेस और भाजपा का बोर्ड रहने के बाद भी शहर की ड्रेनेज व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पाया है। इधर, इस बीच निगम और जेडीए में कई अधिकारी ऐसे भी आए, जिनका सीधा नाता इस शहर से था, लेकिन वे और उनके मातहत भी इस शहर की ड्रेनेज व्यवस्था को सुधारने में नाकाम रहे। वर्तमान स्थिति यह है कि पूरा शहर जलमग्न होता है, लेकिन न अधिकारी और न ही नेता इस ओर ध्यान दे रहे हैं।
जलभराव की समस्या के कारण पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बनाड़ में एक उद्घाटन कार्यक्रम में हेलिकॉप्टर में पहुंचे थे। उस समय भी गहलोत ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी, लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया। नतीजा…स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।
ड्रेनेज मास्टर प्लान समय पर नहीं बनने और निगम की ओर से इस प्लान को धरातल पर लागू नहीं करने से शहर को बरसात के दिनों में जलभराव से राहत नहीं मिली। निगम की ढिलाई से सड़कों पर पानी की समस्या जस की तस है। थोड़ी सी बरसात में ही शहर का यातायात रुक जाता है। 32 स्थानों पर जलभराव की स्थिति से जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है।
हैदराबाद की पीबीएम कंसलटेंसी ने 50 लाख खर्च कर ड्रेनेज मास्टर प्लान तैयार करने का ठेका दिया। शर्तों के अनुसार अक्टूबर 2016 तक कम्पनी को मास्टर प्लान बनाकर निगम को देना था। देर से ही सही, लेकिन कम्पनी ने इसे पेश कर दिया, लेकिन मास्टर प्लान के अनुसार जोधपुर में अभी तक नालों का काम आगे नहीं बढ़ा है।
ड्रेनेज का प्लान बनाकर सरकार को भेजा जा चुका है। एक बार फिर सरकार को प्लान भेज रहे है।
ड्रेनेज का मास्टर प्लान सरकार को भेजा गया है। बजट घोषणा में भी इसे शामिल करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा हुआ है। एक बार फिर सरकार को प्लान भेजा जा रहा है।
Published on:
17 Aug 2024 01:24 pm
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