दरअसल, जोधपुर से ही तीन बार मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत, तीन बार सांसद रहे गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत और पिछले एक दशक से निगम में कांग्रेस और भाजपा का बोर्ड रहने के बाद भी शहर की ड्रेनेज व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पाया है। इधर, इस बीच निगम और जेडीए में कई अधिकारी ऐसे भी आए, जिनका सीधा नाता इस शहर से था, लेकिन वे और उनके मातहत भी इस शहर की ड्रेनेज व्यवस्था को सुधारने में नाकाम रहे। वर्तमान स्थिति यह है कि पूरा शहर जलमग्न होता है, लेकिन न अधिकारी और न ही नेता इस ओर ध्यान दे रहे हैं।
जलभराव के कारण हेलिकॉप्टर में उद्घाटन करने पहुंचे थे गहलोत
जलभराव की समस्या के कारण पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बनाड़ में एक उद्घाटन कार्यक्रम में हेलिकॉप्टर में पहुंचे थे। उस समय भी गहलोत ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी, लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया। नतीजा…स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।
देरी से क्या प्रभाव
ड्रेनेज मास्टर प्लान समय पर नहीं बनने और निगम की ओर से इस प्लान को धरातल पर लागू नहीं करने से शहर को बरसात के दिनों में जलभराव से राहत नहीं मिली। निगम की ढिलाई से सड़कों पर पानी की समस्या जस की तस है। थोड़ी सी बरसात में ही शहर का यातायात रुक जाता है। 32 स्थानों पर जलभराव की स्थिति से जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है। 50 लाख खर्च कर बनाया था प्लान
हैदराबाद की पीबीएम कंसलटेंसी ने 50 लाख खर्च कर ड्रेनेज मास्टर प्लान तैयार करने का ठेका दिया। शर्तों के अनुसार अक्टूबर 2016 तक कम्पनी को मास्टर प्लान बनाकर निगम को देना था। देर से ही सही, लेकिन कम्पनी ने इसे पेश कर दिया, लेकिन मास्टर प्लान के अनुसार
जोधपुर में अभी तक नालों का काम आगे नहीं बढ़ा है।
क्या था ड्रेनेज मास्टर प्लान
- शहर में मुख्य नालों, उप नालों व जल भराव क्षेत्र में जमा होने वाले बरसाती पानी को सुरक्षित तरीके से शहर से बाहर जोजरी नदी तक पहुंचाने के लिए ड्रेनेज का मास्टर प्लान हाईकोर्ट के आदेश पर बनाया।
- जोजरी नदी तक मुख्य नालों के बहाव मार्ग का निर्धारण और नाला निर्माण।
- मुख्य नालों के मिसिंग लिंक का निर्माण।
- नगर निगम सीमा में स्थित मौहल्लों व कॉलोनियों के उपमुख्य नालों एवं मुख्य सड़कों के किनारे आवश्यकतानुसार नालों का निर्माण।
- जल भराव के क्षेत्रों की समस्या का निवारण।
- राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग और मुख्य सड़कों के किनारे बने छोटे नालों में सुधार।
- वर्षा जल निकासी के लिए बने नालों में सीवरेज प्रवाह को रोकना।
- मुख्य नालों के प्रवाह मार्ग के साथ ठोस कचरा प्रबंधन।
- तालाबों में ठोस कचरा निस्तारण पर रोक।
- मुख्य व उपमुख्य नालों पर अतिक्रमण को चिह्नित कर हटाना।
- शहर के मुख्य और उप मुख्य नालों और मुख्य सड़कों के किनारे बने नालों को जोड़ सड़कों पर पानी भराव की समस्या को दूर करना।
ड्रेनेज का प्लान बनाकर सरकार को भेजा जा चुका है। एक बार फिर सरकार को प्लान भेज रहे है।
- डॉ. टी शुभमंगला, आयुक्त, नगर निगम, दक्षिण
ड्रेनेज का मास्टर प्लान सरकार को भेजा गया है। बजट घोषणा में भी इसे शामिल करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा हुआ है। एक बार फिर सरकार को प्लान भेजा जा रहा है।
- अतुल प्रकाश, आयुक्त, नगर निगम उत्तर